आशुतोष कुमार सिंह
आकाशवाणी पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ‘नई सोच नई कहानी’ नामक एक नया कार्यक्रम शुरू किया है। सरकार द्वारा चलाए गए विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से श्रीमती ईरानी प्रत्यक्षतः आकाशवाणी के स्टूडियों में बात कर रही हैं। 29.11.23 को प्रसारित इस कार्यक्रम के तीसरे एपिसोड का विषय था ‘महिला और स्वास्थ्य।‘ इस कार्यक्रम में उन्होंने फाइलेरिया, किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर सर्वाइवर, टीबी सर्वाइवर आदि तमाम लाभार्थियों से बातचीत कीं और उनका हाल चाल जाना। अभीनेत्री से राजनेत्री बनीं स्मृति ईरानी की यह पहल सराहनीय है। सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव को समझने में इस तरह के कार्यक्रमों से सहायता मिलती है, वही दूसरी तरफ इन योजनाओं के बारे में जागरूकता का विस्तार भी होता है।
स्वास्थ्य अपने आप में एक व्यापक क्षेत्र है। सरकार इस क्षेत्र पर ध्यान देने की भरसक कोशिश कर रही है, बावजूद इसके अभी भी भारत को स्वास्थ्य को मापडंडो पर खुद को शत प्रतिशत खड़ा करने के लिए बहुत मेहनत करने की जरूरत है।
जब 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी थी, तब नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ आरंभ किया गया था। यह अभियान आज एक जन-आंदोलन के रूप में आज देखा जा सकता है। इसी का परिणाम है कि भारत के 3 लाख 25 हजार से अधिक गांवों ने स्वयं को ओडीएफ प्लस घोषित किया है। इसी तरह सरकार ने देश की महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक योजना की शुरूआत की जिसका नाम उज्ज्वला है। विशेषज्ञों की माने तो चुल्हा जलाकार भोजन बनाने वाली ज्यादातर महिलाओं को फेंफड़े एवं आंखों की समस्याएं होती रही है। धुएं से गरीब महिलाओं को आजादी मिले इसके लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 9 सालों में 31 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं तक घरेलु एलपीजी पहुंचाया गया, जिसमें 10 करोड़ एलपीजी कनेक्शन उज्ज्वला योजना के दिए गए।
भारत को स्वस्थ रखने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 को लागू किया था । जिसमें मुख्यतः निम्न 7 बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया गया। स्वच्छ भारत अभियान, संतुलित, स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम, तंबाकू, शराब और मादक द्रव्यों के सेवन संबंधित विषय,यात्री सुरक्षा – रेल और सड़क यातायात दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को रोकना,निर्भया नारी – लैंगिक हिंसा के खिलाफ कार्रवाई, कार्यस्थल में तनाव में कमी और बेहतर सुरक्षा और इनडोर और आउटडोर वायु प्रदूषण को कम करना।
30 नवंबर को देश में 10 हजारवां जन औषधि केन्द्र खुला है। सस्ती दवाई उत्तम दवाई की टैगलाइन से लोगों तक पहुंच रही जन-औषधि की दवाइयों से आज तकरीबन 23 हजार करोड़ रुपये की बचत आम गरीबों को हुई है।
सब तक समग्रता में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच हो, इसके लिए सरकार ने आयुष्मान भारत अब्रेला योजनाओं की शुरूआत की है। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के माध्यम से जहां देश के लोगों को प्राथमिक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मानको के अनुरूप प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की कोशिश की जा रही है, वहीं सेकेंडरी एवं टर्चरी केयर के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना चलाई जा रही है ताकि कोई भी गरीब महंगे इलाज के कारण अपने उपचार से वंचित न होने पाए।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 6 करोड़ से अधिक मुफ्त उपचार किए जा चुके हैं। आयुष्मान भारत पीएम-जय ‘हेल्थ इंश्योरेंस लैंडस्कैप’ को मजबूति के साथ इंटीग्रेट करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब तक ‘इएसआइसी’, ‘बीओसीडब्लयू’, ‘सीजीएचएस’, ‘आयुष्मान सीएपीएफ’, ‘पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन’, ‘आरएएन’ एवं ‘एचएमडीजी’ जैसी योजनाओं को पीएम-जय परिवार का हिस्सा बनाया जा चुका है। इसी तरह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने भारत के हेल्थ इकोसिस्टम को डिजिटल करने का काम किया है। इससे सब तक समान रूप से स्वास्थ्य सेवाओं की डिलिवरी के लक्ष्य को प्राप्त करने की गति में तेजी आई है।
भारत का स्वास्थ्य दर्शन कहता है- “सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया ” अर्थात सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।” यह भाव भारत के डीएनए में है। यही कारण है कि जब स्मृति इरानी मेरठ की रहने वाली आयुष्मान लाभार्थी नाज़िश एवं गुरूग्राम के अज़िम से बात कर रही थीं तो वे संतुष्ठ दिखे और इन लोककल्याणकारी योजनाओं के लिए धन्यवाद दे रहे थे। आयुष्मान भवः के भाव से ही स्वस्थ भारत का सपना पूर्ण होगा और विकसित भारत के संकल्प को सिद्धि तक पहुचाया जा सकता है।
( लेखक स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन हैं )