भारतीय नौसेना ने पूर्वी नौसेना कमान के संरक्षण में पोत तारमुगली की, की नियुक्ति

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 दिसंबर। भारतीय नौसेना ने बृहस्पतिवार को पूर्वी नौसेना कमान के संरक्षण में नौसेन्य डॉकयार्ड विशाखापत्तनम में आयोजित एक वैभवशाली समारोह के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया एवं हमले के लिए सक्षम एक पोत आईएनएस तारमुगली को शामिल किया। वाइस एडमिरल संदीप नैथानी, चीफ ऑफ मटेरियल इस समारोह के मुख्य अतिथि थे।

यह युद्धपोत त्रिकांत श्रेणी का त्वरित प्रतिक्रिया एवं हमले में सक्षम एक पोत है, जिसे 2006 में भारत सरकार द्वारा मॉलदीव नौसेना रक्षा बल (एमएनडीएफ) को उपहार में दिया गया था। युद्धपोत को इस वर्ष मई में भारतीय नौसेना को वापस कर दिया गया था, जिसने एमएनडीएफ को नए एमसीजीएस हुरवी के रूप में एक इन-सर्विस वॉटरजेट फास्ट अटैक युद्धपोत भी प्रदान किया था। नौसेना डॉकयार्ड, विशाखापत्तनम द्वारा व्यापक मरम्मत कार्य के बाद आईएनएस तारमुगली को उसके वर्तमान अवतार में पुर्नस्थापित कर दिया गया है।

आईएनएस तारमुगली युद्धपोत एमटीयू इंजन, नवीनतम संचार उपकरण, एक 30 मिमी बंदूक तथा एक उन्नत रडार प्रणाली से सुसज्जित है और इसका उपयोग भारत के पूर्वी तट के साथ केजी बेसिन क्षेत्र में तटीय निगरानी व हमारे ओडीए की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर किया जाएगा।

आईएनएस तारमुगली की कमान कमांडर सतपाल सिंह सांगवान द्वारा संभाली जा रही है और यह नौसेना प्रभारी अधिकारी (आंध्र प्रदेश) के अधीन कार्य करेगा। 46 मीटर लम्बाई के इस पोत का नाम अंडमान समूह के एक सुरम्य द्वीप के नाम पर रखा गया है। यह 320 टन का भार विस्थापित कर सकता है और 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।

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