प्रधानमंत्री ने नियम पुस्तिका से परे जाकर लगभग 2,000 अप्रचलित नियमों को खत्म किया है: डॉ. जितेंद्र सिंह
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21दिसंबर। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विज्ञान और प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अतीत की पाबंदियों को तोड़ने का साहस और दृढ़ विश्वास है और प्रधानमंत्री ने नियम पुस्तिका से परे जाकर लगभग 2,000 अप्रचलित नियमों को समाप्त किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग के साथ प्रशासनिक सुधारों की एक श्रृंखला की भी शुरुआत की है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में 52वीं प्री-रिटायरमेंट काउंसलिंग (पीआरसी) कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह बात कही।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री में अतीत की पाबंदियों को तोड़ने का साहस और दृढ़ संकल्प है। प्रधानमंत्री ने नियम पुस्तिका से परे जाकर लगभग 2,000 अप्रचलित नियमों को समाप्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि “10 वर्षों से कम सेवा देने वाले कर्मचारी को पेंशन देने से इनकार करने, लापता कर्मचारियों को सात वर्ष बीत जाने तक लाभ से वंचित रखने, आश्रित तलाकशुदा बेटियों को पेंशन लाभ नहीं देने जैसे नियमों को खत्म कर दिया गया है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रशासनिक पहलों, जैसे कि सेवानिवृत्ति प्री-रिटायरमेंट काउंसलिंग, अनुभव पुरस्कार और पेंशन अदालत ने प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन लाभ का समय पर वितरण सुनिश्चित किया है।
उन्होंने कहा कि, “सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पहले पेंशन जारी रखने के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट पेश करके ईज ऑफ लिविंग को संभव बनाया गया और अब डीएलसी के लिए फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी शुरू की गई है। भविष्य पोर्टल, डिजीलॉकर, सीपीईएनजीआरएएमएस विशेष रूप से पेंशनभोगियों के लिए शुरू किए गए हैं जिससे सेवानिवृत्त और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सुविधा प्राप्त हो सके।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीआरसी कार्यशालाओं को व्यापक बनाया गया है और पेंशन वितरण करने वाले बैंकों, सीजीएचएस और पेंशनभोगी संघों के साथ संस्थागत एससीओवीए बैठकों सहित सभी संबंधित विभागों के साथ एकीकृत किया गया है, जो ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज तीन करोड़ पेंशनभोगी हैं, जो कार्यरत कर्मचारियों से ज्यादा हैं, और वे एक संसाधन पूल का निर्माण करते हैं जो विकसित भारत@2047 के लक्ष्य की प्राप्ति में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब युवा दिग्गजों की बढ़ती आबादी अपने बहुमूल्य समर्थन के साथ-साथ विकसित भारत@2047 को आकार देंगे।
इस अवसर पर, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय और डीएआरपीजी के सचिव श्री वी श्रीनिवास; सीजीएचएस की महानिदेशक, श्रीमती रोली सिंह; सीजीडीए, रक्षा मंत्रालय, श्री एसजी दस्तीदार; एसबीई की सीजीएम शालिनी कक्कड़ ने भी अपने विचार रखे।