भारत सरकार ने अर्जेंटीना के 5 खदानों के लिए किया 200 करोड़ की डील.. अब इस सेक्टर का बड़ा प्लेयर बनेगा इंडिया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,16 जनवरी। भारत सरकार ने अर्जेंटीना की सरकार के साथ लिथियम की खोज और खनन के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। पर्यावरण हितैषी भविष्य की दिशा में बदलाव के लिए लिथियम बेहद जरूरी है। चिली और बोलिविया के अलावा अर्जेंटीना में लिथियम का बड़ा भंडार है। दुनिया में कुल लिथियम भंडार का आधा हिस्सा इन तीन देशों के पास ही है। मोबाइल फोन की रिचार्ज होने वाली बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहनों, लैपटॉप और डिजिटल कैमरा आदि की बैट्रियों में लिथियम का ही इस्तेमाल किया जाता है।

भारत की तरफ से इस करार पर हस्ताक्षर खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड और अर्जेंटीना की तरफ से कैटामार्का प्रांत की सरकारी कंपनी ने किए। इस दौरान कैटामार्का प्रांत के गवर्नर और उप-गवर्नर मौजूद रहे। वहीं अर्जेंटीना में भारत के राजदूत दिनेश भाटिया भी इस मौके पर मौजूद रहे। दोनों पक्षों में करार की इस प्रक्रिया में वर्चुअल तरीके से केंद्रीन खनन मंत्री प्रहलाद जोशी और खनन मंत्रालय के सचिव वीएल कांता राव भी मौजूद रहे। समझौते के तहत भारतीय कंपनी खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड अर्जेंटीना का कैटामार्का प्रांत में 15,703 हेक्टेयर जगह में लिथियम की खोज के लिए खनन करेगी। इसमें पांच ब्लॉक होंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए भारतीय कंपनी कैटामार्का प्रांत में अपना ब्रांच ऑफिस भी खोलेगी। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 200 करोड़ रुपये होगी।

पूरी दुनिया में कार्बन उत्सर्जन से धरती का तापमान बढ़ रहा है और जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जिससे कई प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में लिथियम बैटरी उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। दरअसल लिथियम बैटरी बेहद हल्की, शक्तिशाली और रिचार्जेबल बैटरी होती है। यही वजह है कि मोबाइल से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य इलेक्ट्रिक चीजों में लिथियम बैटरी का इस्तेमाल हो रहा है। अब चूंकि भारत सरकार तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है, तो ऐसे समय में लिथियम बेहद अहम हो जाता है।

भारत अभी लिथियम के लिए चीन पर निर्भर है, लेकिन अब भारत सरकार दुनिया के अन्य देशों में भी लिथियम की खोज के लिए अन्वेषण और खनन प्रोजेक्ट कर रही है। अर्जेंटीना का यह प्रोजेक्ट भी भारत की इन्हीं कोशिशों का हिस्सा है। इस साल की शुरुआत में जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में भी लिथियम का बड़ा भंडार मिला था। इसमें 5.9 मिलियन टन लिथियम रिजर्व होने की पुष्टि हुई है। लिथियम रिजर्व मिलने और विदेशों में लिथियम खनन प्रोजेक्ट चलाने का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हो जाएंगे। अभी इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम बैटरी की लागत ही करीब 40-45 प्रतिशत होती है, जो कि आने वाले दिनों में कम हो सकती है। आज दुनियाभर में लिथियम की बहुत ज्यादा डिमांड है। ऐसे में लिथियम की आपूर्ति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद अहम है।

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