केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा और आसियान के महासचिव महामहिम डॉ. काओ किम होर्न के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक

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समग्र समाचार सेवा
दिल्ली, 15 फरवरी। आसियान के महासचिव महामहिम डॉ. काओ किम होर्न के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन, नई दिल्ली में बुद्धवार को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा से भेंट की।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का शानदार स्वागत करते हुए भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के अनुरूप अपनी विदेश नीति के प्रमुख स्तंभ के रूप में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ अपने संबंधों को महत्व देने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। केंद्रीय मंत्री ने कृषि के क्षेत्र में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए वर्तमान आसियान-भारत संबंधों को और मज़बूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उल्लेखनीय है कि भारत का नियमित रूप से आसियान-भारत कृषि मंत्रियों की बैठक में शामिल होना इस वचनबद्धता की पुष्टि करता है कि भारत और आसियान खाद्य सुरक्षा सहित आपसी हितों के मुद्दों पर मिलकर कार्य करना जारी रखेंगे। इस संदर्भ में आसियान-भारत मिलेट महोत्सव के सफल आयोजन का स्मरण करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने मिलेट को मुख्यधारा में लाने की दिशा में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता का उल्लेख किया। केंद्रीय मंत्री ने आईसीएआर के विभिन्न संस्थानों में कटाई के पश्चात कृषि सहित आसियान सदस्य देशों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी घोषणा की।

आसियान महासचिव महामहिम डॉ. काओ किम होर्न ने आसियान-भारत प्रारूप के तहत कृषि सहयोग पर भारत के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कृषि उत्पादों, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों, विनिमय कार्यक्रमों, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर कार्य का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि भारत और आसियान संयुक्त रूप से स्थायी कृषि, कृषि क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर सकते हैं और इन चुनौतियों से निपटने में भारत की विशेषज्ञता और वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग करके आसियान सदस्य देशों में कृषक समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए हानिकारक कृषि रसायनों में कमी लाई जा सकती है।

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने सामान्य रूप से भारत-आसियान साझेदारी को मजबूत करते हुए इसका विस्तार करने और विशेष रूप से कृषि पर सहयोग के लिए भारत के निरंतर समर्थन की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

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