मिजोरम आशा और संभावनाओं से भरा है; विधायिका के विवेक को इन अवसरों को उजागर करना चाहिए – उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने विधायिका से कार्यपालिका को जागरूक करने में निर्णायक भूमिका निभाने का किया आह्वान
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,26 फरवरी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज विधायिका से कार्यपालिका को जागरूक करने में निर्णायक भूमिका निभाने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि राष्ट्र सही दिशा में आगे बढ़े।
9वीं मिजोरम विधानसभा को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने मिजोरम राज्य को आशा और संभावनाओं से भरा बताया और राज्य से अवसरों का लाभ उठाने के लिए विधानमंडल के विवेक के माध्यम से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मिलकर और एकजुट होकर, एक सिस्टम विकसित करें ताकि आपके राज्य के युवा आगे आने वाले अवसरों का पूरा लाभ उठा सकें… अब समय आ गया है कि आप इन्हें अनलॉक करें और देश और राज्य को प्रगति से पुरस्कृत करें।”
मिज़ोरम विधानसभा के सदस्यों द्वारा प्रदर्शित अनुशासन और शिष्टाचार की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति ने इसे दूसरों के लिए अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा का प्रदर्शन “मर्यादा के मामले में संविधान सभा के काफी करीब था” और रेखांकित किया कि इस तरह के ईकोसिस्टम से राज्य और राष्ट्र को लाभ होता है और लोग समृद्ध होते हैं।
पहली बार विधानसभा में तीन महिला सदस्यों के चुनाव का जिक्र करते हुए, उपराष्ट्रपति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण को अनिवार्य करने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के महत्व पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, “हम तेजी से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहे हैं…लोकसभा और विधानमंडलों में महिलाओं की यह भागीदारी नीतियों और शासन के विकास में परिवर्तनकारी होगी।”
एक्ट-ईस्ट नीति द्वारा निभाई गई सफल परिवर्तनकारी भूमिका की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 12000 किलोमीटर से अधिक सड़क, 700 मेगावाट बिजली संयंत्रों के निर्माण और कई राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना में उत्तर-पूर्व परिषद द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने जोर देकर कहा, “पिछला दशक पूर्वोत्तर का स्वर्ण युग रहा है… इस अवधि के दौरान क्षेत्र में अभूतपूर्व, तेजी से विकास हुआ है।”
अपने संबोधन में, उपराष्ट्रपति ने भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी में तेजी से वृद्धि और एक अलग विभाग डोनर के साथ उत्तर पूर्व भारत पर उल्लेखनीय ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप उनकी गेम चेंजिंग क्षमता पर भी प्रकाश डाला।
राज्य की पर्यटन और बागवानी क्षमता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “मिजोरम को अविश्वसनीय सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि का उपहार दिया गया है। मिजोरम हरी-भरी पहाड़ियों और गांवों से घिरा हुआ होने के कारण पर्यटकों के सपनों की डेस्टिनेशन है। इन विकासात्मक गतिविधियों से क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा।”
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने उपस्थित लोगों से अपने राष्ट्रवाद को सर्वोपरि रखने और भारतीय होने और भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने डॉ. बी. आर अंबेडकर के शब्दों को याद करते हुए कहा, “आपको सबसे पहले भारतीय होना चाहिए, आपको सबके बाद भी भारतीय होना चाहिए और कुछ भी ना हों तो भी भारतीय ही होना चाहिए।”
इस अवसर पर डॉ. हरि बाबू कंभमपति, राज्यपाल, मिजोरम, लालबियाकजामा, अध्यक्ष, मिजोरम विधानसभा, सदस्य मिजोरम विधानसभा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
Mizoram is full of hope and possibility.
This state has to work through the wisdom of the Legislature to unleash the opportunities! #MizoramAssembly pic.twitter.com/v57a2erXYV
— Vice President of India (@VPIndia) February 26, 2024