उंगलियों के आकार में छिपे होते हैं मनुष्य के गहरे राज ! ऐसे करें पहचान

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 मार्च। व्यक्ति का चरित्र व भविष्य बताने वाले शास्त्रों में हस्त रेखा शास्त्र का विशेष महत्व है. जिसमें हाथ के आकार तथा उसकी लकीरों व चिन्हों के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव व भविष्य का आकलन किया जाता है. इस विद्या में हाथों की उंगलियों की भी विशेष भूमिका है. जिनके आकार में ही कई राज छिपे होने का दावा किया जाता है. आज वही राज हम आपको बताने जा रहे हैं.

ये अंगुलियां है बुद्धि, ज्ञान व गुण का प्रतीक
पंडित रामचंद्र जोशी के अनुसार व्यक्ति की उंगलियों से उसकी प्रकृति जानने के लिए उनके आकार व झुकाव को आधार माना जाता है. इस आधार पर लंबी व पतली उंगलियों को सबसे अच्छा माना गया है. हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार ऐसी उंगलियों वाला मनुष्य धर्म प्रेमी, नीति निपुण, साहित्य प्रेमी व रचनाकर होता है. इसी तरह जिस व्यक्ति की अंगुली ना ज्यादा बड़ी व छोटी और ना ही ज्यादा पतली व मोटी होती है, वह ज्ञानी, साहसी, बुद्धिमान व समझदार होता है.

हाथ में छह उंगली भी अच्छे भाग्य का संकेत देती है. तर्जनी उंगली का मध्यमा की तरफ झुका होना व्यक्ति के साफ व खुले मन के साथ उसके विनयशील होने का परिचय देता है. मध्यमा उंगली का बाकी अंगुलियों से बड़ा होना व्यक्ति के काम में दक्ष होने तथा अनामिका उंगली का आकार तर्जनी के समान होना उसकी वफादारी व ईमानदारी का प्रतीक है.

ऐसी अंगुलियों वाले लोग खतरनाक?
पंडित जोशी के अनुसार हस्त रेखा शास्त्र में कुछ विशेष आकार वाली अंगुलियों को खराब स्वभाव का प्रतीक माना गया है. इनमें बहुत लंबी व बहुत छोटी उंगलियों वाले, बड़ी तर्जनी व अपेक्षा से छोटी कनिष्ठा अंगुली वालों को शामिल माना गया है. छोटी उंगली वाले क्रूर, सुस्त व स्वार्थी माने जाते हैं. जबकि बड़ी तर्जनी वाले मनमाने आचरण वाले माने जाते हैं. बहुत छोटी या टेड़ी-मेढ़ी कनिष्ठा वाले बेईमान व धोखेबाज तथा ज्यादा लम्बी उंगलियों वाले व्यक्ति दूसरों के काम में अनावश्यक दखल देने वाले माने जाते हैं.

उंगलियों के अंतराल में धन का राज
व्यक्ति की उंगलियों को आपस में जोडऩे पर उनके बीच दिखने वाले अंतराल भी हस्तरेखा शास्त्र में महत्वपूर्ण माने गए हैं. शास्त्र के अनुसार उंगलियों को आपस में जोडऩे पर यदि अनामिका व कनिष्का के बीच अंतराल रहता है तो व्यक्ति को वृद्धावस्था में धन की कमी सताती है. मध्यमा व अनामिका के बीच अंतराल होने पर मध्य काल और मध्यमा व तर्जनी के बीच अंतराल होने पर 35 वर्ष की उम्र तक धन की कमी परेशान करती है.

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