95 वर्ष की उम्र में श्री स्वामी स्मरणानंद महाराज का निधन, PM मोदी ने जताया दुख, कहा- अमिट छाप छोड़ी है
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27मार्च। रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के 16वें अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंदजी महाराज का मंगलवार को निधन हो गया. उन्होंने 95 की उम्र में आखिरी सांस ली. बता दें 90 से ज्यादा उम्र से संबंधित एक बीमारी में महाराज जी का कोलकाता के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. न्यूरोलॉजी और अन्य विभागों के डॉक्टरों ने उन्हें नियमित निगरानी में रखा लेकिन सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल के बावजूद पिछले कुछ दिनों में उनकी हालत बिगड़ गई और आज उनका निधन हो गया. स्वामी स्मरणानंद महाराज के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरी और हार्दिक संवेदना व्यक्त की है.
पीएम मोदी ने जताया दुख
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर लिखा, ‘रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के श्रद्धेय अध्यक्ष श्रीमत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और सेवा के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने अनगिनत दिलों और दिमागों पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उनकी करुणा और बुद्धिमत्ता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.’ पीएम मोदी ने आगे लिखा, सालों से मेरा उनसे बहुत घनिष्ठ संबंध रहा है. मुझे 2020 में बेलूर मठ की अपनी यात्रा याद है जब मैंने उनसे बातचीत की थी. कुछ हफ्ते पहले कोलकाता में भी मैंने अस्पताल जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी. मेरी संवेदनाएं बेलूर मठ के अनगिनत भक्तों के साथ हैं…शांति।
प्रधानमंत्री के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, रामकृष्ण मठ के श्रीमत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज एक आध्यात्मिक दिग्गज थे. जिनके विद्वतापूर्ण ज्ञान ने मन को आत्मज्ञान से प्रज्वलित किया और जिनकी दयालु उपस्थिति दिलों को दिव्य आनंद से भर सकती थी. महाराज जी की अनुपस्थिति एक खालीपन छोड़ गई है जिसे भरना मुश्किल होगा…लेकिन उनके ज्ञान की विरासत हमारा मार्गदर्शक बनी रहेगी. मेरी संवेदनाएं उनके अनगिनत अनुयायियों के साथ हैं.
Srimat Swami Smaranananda ji Maharaj, the revered President of Ramakrishna Math and Ramakrishna Mission dedicated his life to spirituality and service. He left an indelible mark on countless hearts and minds. His compassion and wisdom will continue to inspire generations.
I had… pic.twitter.com/lK1mYKbKQt
— Narendra Modi (@narendramodi) March 26, 2024
कौन थे स्वामी स्मरणानंद महाराज?
आपको बता दें रामकृष्ण मठ और मिशन के 16वें अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद जी थे. वह स्वामी आत्मस्थानंद की मृत्यु के बाद से अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे. स्वामी स्मरणानंद जी का जन्म 1929 में तमिलनाडु के तंजावुर के अंदामी गांव में हुआ था. वह अपने बचपन से ही गहन विचारक थे…रामकृष्ण संप्रदाय के साथ उनका पहला संपर्क 20 साल की उम्र में हुआ था. यहां उन्होंने संप्रदाय की मुंबई शाखा में कदम रखा और 1952 में, 22 वर्षीय ने मठवासी जीवन अपना लिया.
कौन थे स्वामी स्मरणानंद महाराज?
आपको बता दें रामकृष्ण मठ और मिशन के 16वें अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद जी थे. वह स्वामी आत्मस्थानंद की मृत्यु के बाद से अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे. स्वामी स्मरणानंद जी का जन्म 1929 में तमिलनाडु के तंजावुर के अंदामी गांव में हुआ था. वह अपने बचपन से ही गहन विचारक थे…रामकृष्ण संप्रदाय के साथ उनका पहला संपर्क 20 साल की उम्र में हुआ था. यहां उन्होंने संप्रदाय की मुंबई शाखा में कदम रखा और 1952 में, 22 वर्षीय ने मठवासी जीवन अपना लिया.