संस्कार भारती ने धुमधाम से मनाया हिन्दू नववर्ष, सुप्रसिद्ध नृत्यांगना एवं पद्मश्री नलिनी कमलिनी ने दी शुभकामनाएं
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10अप्रैल। अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती दिल्ली जिला इकाई की ओर से मंगलवार को सूरघाट, यमुना तट, वजीराबाद में भारतीय नववर्ष विक्रम संवत् 2081 (वर्ष प्रतिपदा) धुमधाम से मनाया गया। सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के साथ पूजा पाठ कर हिंदू नववर्ष मनाया गया।
कार्यक्रम का आयोजन 9 अप्रैल को प्रातः 5:30 से सायं 7 बजे तक किया गया था।
देश की विविधता और एकता को उजागर करते हुए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कलाकारों में अदिति गर्ग (ध्रुपद गायन), पंथोबी जागोई मारुप (मणिपुरी डांस समूह), संदीप शजर (कवि), विकास बाबू (शहनाई वादन) तथा प्रख्यात चित्रकारों द्वारा भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों की लाइव पेंटिंग मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे।
प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार ने मंगलवार को भारतीय नववर्ष का स्वागत करते हुए कहा कि यह भारतीय नव वर्ष मनाने की परंपरा कोई नवीन परंपरा नहीं है। यह युगों-युगों से चली आ रही है।
इस अवसर पर नंदकुमार ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। इसका अनुकरण हर सनातनी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृति का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है।
मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध नृत्यांगना एवं पद्मश्री नलिनी कमलिनी ने संक्षिप्त उद्बोधन देते हुए सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं।
विशिष्ट अतिथि सांसद मनोज तिवारी ने एक भजन प्रस्तुत किया और इस कार्यक्रम के संयोजकों को बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि वास्तव में नव वर्ष हम सभी भारतीयों का उत्सव है, इसे हमें अवश्य मनाना चाहिए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रसिद्ध संतूर वादक अभय सोपोरी और उनके साथियों द्वारा अत्यंत मधुर ध्वनि से संतूर वादन किया गया। अन्य कार्यक्रमों में भजन गायन हुआ तथा नृत्य प्रस्तुति और काव्य पाठ भी हुआ। सूर्योदय के समय उपस्थित सभी धर्म अनुरागी बंधुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और दीपदान किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रशिद्ध नृत्यांगना पद्मश्री नलिनी कमलिनी (मुख्य अतिथि), जे नंदकुमार राष्ट्रीय संयोजक प्रज्ञा प्रवाह (विशेष उद्बोधन) सांसद मनोज तिवारी के अलावा पूर्व महापौर हर्ष मल्होत्रा, विधायक ओमप्रकाश एवं अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।