समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21अप्रैल। भाजपा नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रविवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में आयोजित चुनावी रैली में ममता बनर्जी सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अराजकता का माहौल है. देश भर में पश्चिम बंगाल बढ़ रहे अपराधों के लिए जाना जा रहा है. सांप्रदायिकता को लेकर पश्चिम बंगाल चर्चित हो रहा है.
राजनाथ सिंह ने यहां मुर्शिदाबाद लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार गौरी शंकर घोष के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के शासन में अराजकता फैली हुई है. उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार के आरोपों को लेकर दुनिया भर के लोग शर्मिंदा हैं. तृणमूल कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं पर राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के साथ-साथ आदिवासियों सहित ग्रामीणों की जमीन हड़पने के आरोप लगे हैं. रक्षा मंत्री ने कहा, यहां राज्य में गुंडों का बोलबाला है और लोग डरे हुए हैं. कहा कि यहां ईडी-सीबीआई अपराधों की जांच के लिए आते हैं तो उन पर गुंडे हमले करते हैं. संदेशखाली की घटना से पूरी मानवता शर्मसार हुई है.
एक बार पश्चिम बंगाल में भाजपा का झंडा फहरा दीजिए
राजनाथ सिंह ने जनता से आग्रह किया कि एक बार पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी का झंडा फहरा दीजिए… फिर हम देखते हैं कि किसने मां का दूध पिया है जो संदेशखाली जैसी घटनाओं को दोहराने की जुर्रत करता है. उन्होंने तंज कसा कि पश्चिम बंगाल में जहां सुनिए,वहीं घोटाला होता है. उन्होंने कहा कि यह समझ ही नहीं आता कि आप तृणमूल कांग्रेस हैं या फिर कांग्रेस हैं. राज्य में गुंडे-बदमाशों के हौसले बुलंद हैं. यहां पर जो अच्छे इंसान हैं, वे सहमे हुए हैं, डरे हुए हैं.
राजनाथ सिंह ने मुर्शिदाबाद के बाद मालदा में भी एक रैली को संबोधित किया. यहां कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा. इसके बजाय, यह लोगों को नागरिकता प्रदान करेगा. कहा कि ममता बनर्जी कहती हैं कि वह सीएए को रद्द कर देंगे. मैं कहना चाहूंगा कि दुनिया की कोई भी ताकत सीएए को रद्द नहीं कर पायेगी.
कांग्रेस भारतीय राजनीति में अपनी प्रासंगिकता खो रही है
इससे पूर्व राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस अपनी प्रासंगिकता खो चुकी है. कांग्रेस भारतीय राजनीति में लगातार अपनी प्रासंगिकता खो रही है. वह तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त है, जबकि भाजपा जाति, पंथ और धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि न्याय और मानवता के आधार पर सियासत करती है.