केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् ‘प्रगति-2024’ कार्यक्रम करेगी आयोजित

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 मई। केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) मंगलवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में “आयुर्ज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में औषध अनुसंधान (प्रगति- 2024)” कार्यक्रम की मेजबानी कर रही है। सीसीआरएएस, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है। यह संवादात्मक बैठक सीसीआरएएस और आयुर्वेद औषध उद्योग के बीच अनुसंधान के अवसरों की खोज करने और सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा करेंगे। वे आयुर्वेद के विकास में उद्योग की भूमिका पर अपना मुख्य भाषण देंगे। इसके अलावा इस कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव कविता गर्ग और सलाहकार डॉ. कौस्तुभा उपाध्याय भी हिस्सा लेंगी।

सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रोफेसर वैद्य रबीनारायण आचार्य सीसीआरएएस की ओर से संवादात्मक बैठक का नेतृत्व करेंगे। इस बैठक में अनुसंधान-आधारित, गुणवत्ता, सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेद उत्पादों के महत्व पर जोर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य आयुर्वेद सूत्रीकरण (फॉर्मूलेशन) और तकनीकी नवाचारों के निर्माण में शामिल शोधकर्ताओं और औद्योगिक भागीदारों को शामिल कर औषधि और उपकरण विकास में आयुर्वेद हितधारकों की क्षमता में अधिक से अधिक बढ़ोतरी करना है।

इस बैठक के प्राथमिक लक्ष्य निम्नलिखित हैं:
1. सीसीआरएएस की ओर से विकसित अनुसंधान परिणामों और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना।
2. गुणवत्ता नियंत्रण, औषधि मानकीकरण, उत्पाद विकास और सत्यापन में सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए मजबूत नेटवर्क की स्थापना करना।
3. घरेलू अनुसंधान और विकास केंद्रों वाले संभावित औद्योगिक भागीदारों की पहचान करना।
4. औषधि निर्माण और उत्पाद विकास में शोधकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण के अवसरों की खोज करना।
5. आयुर्वेदिक औषधि-निर्माण विज्ञान (फार्मास्यूटिक्स) में उद्यमिता को बढ़ावा देने, स्टार्ट-अप्स और इनक्यूबेटिंग सेंटर शुरू करने में आयुर्वेद पेशेवरों की सहायता करना।

इस कार्यक्रम में चार विशेष तकनीकी सत्र शामिल हैं-
सत्र एक: अनुसंधाकर्ता-उद्योग सहभागिता को सुदृढ़ करने के लिए सीसीआरएएस के उत्पाद विकास पहल और रणनीतियों को रेखांकित करना, जिसमें सभी 35 उत्पादों और उपकरणों की प्रस्तुतियां शामिल हैं। इसके साथ ही पूरे देश में स्थित पांच सीसीआरएएस प्रयोगशालाओं और 25 अस्पताल सेवाओं का प्रदर्शन भी शामिल है।

सत्र दो: क्षेत्रीय और वैश्विक आयुर्वेद औषधि विकास में कमियों की पहचान करने और चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक पैनल चर्चा।

सत्र तीन: सहभागिता के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान के साथ-साथ अनुभव को साझा करना और सीसीआरएएस से उद्योग की अपेक्षाएं।

सत्र चार: सीसीआरएएस-उद्योग सहभागिता के लिए पहली बार “अनुसंधान प्राथमिकताओं की स्थापना” पर केंद्रित समूह चर्चा आयोजित की जाएगी।

इस कार्यक्रम में देश की 35 दवा कंपनियों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसमें हिमालय, इमामी, बैद्यनाथ, डाबर, आईएमपीसीएल, आर्य वैद्य शाला, औषधि और आईएमपीसीओपीएस जैसी प्रसिद्ध कंपनियों के सीईओ भी हिस्सा लेंगे। इसके अतिरिक्त इस संवादात्मक बैठक में शामिल होने के लिए सीआईआई, आयुष निर्यात संवर्द्धन परिषद्, पीसीआईएमएच और एनआरडीसी के आमंत्रित विशेषज्ञों ने अपना पंजीकरण कराया है।

सीसीआरएएस की ओर से विकसित या प्रगति के अधीन सभी 35 फॉर्मूलेशन और तीन उपकरणों का विवरण देने वाला एक डोजियर, चर्चा और समीक्षा के लिए इस बैठक में हिस्सा लेने वाले उद्योगों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इनमें आयुष 64, आयुष एसजी, आयुष गुट्टी और अन्य शामिल हैं।

प्रगति-2024 का अपेक्षित परिणाम सीसीआरएएस के साथ सहभागिता करने, वैज्ञानिक ज्ञान के आदान-प्रदान और आयुर्वेदिक औषधि विकास में अनुसंधान परिणामों व उत्पादों का उपयोग करने के इच्छुक संभावित औद्योगिक भागीदारों को चिन्हित करना है। यह पहल नेटवर्किंग और संस्थागत संबंधों को सुदृढ़ करेगी, जिसके परिणामस्वरूप आयुर्वेदिक चिकित्सकों और रोगियों को लाभ होगा।

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