नीडोनोमिक्स की नीडो-शिक्षा युवा दिमागों के नीडो-प्रज्वलन के साथ सभी शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में नीडो-खुशी पैदा करती है : प्रो. एम.एम. गोयल

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समग्र समाचार सेवा
वकारिया (ब्राजील) , 6जून। “नीडोनोमिक्स की नीडो-शिक्षा युवा दिमागों के नीडो-प्रज्वलन के साथ सभी शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में नीडो-खुशी पैदा करती हैI” ये शब्द प्रोफेसर मदन मोहन गोयल तीन बार के कुलपति राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान (आरजीएनआईवाईडी श्रीपेरंबुदूर) भारत में राष्ट्रीय महत्व के संस्थान सहित जिन्हें प्रोपाउंडर नीडोनोमिक्स स्कूल ऑफ थॉट के नाम से जाना जाता है, जो कि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं ने कहे I वह ग्लोबल एडु लीडर्स फोरम (जीईएलएफ) द्वारा आयोजित यूनोपर अनहंगुएरा कॉलेज- यूनिफैकवेस्ट यूनिवर्सिटी सेंटर वेकारिया में शिक्षा और स्थिरता 2024 (जीसीईएस2024) पर द्वितीय वैश्विक सम्मेलन में मुख्य भाषण दे रहे थे। उनका विषय था ‘आर्थिक स्थिरता: नीडोनॉमिक्स की नीडो-शिक्षा ‘।

जीईएलएफ के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर बीट्रिज़ लूसिया एस. बिज़ोटो ने स्वागत भाषण दिया एवं प्रो एम.एम. गोयल की उपलब्धियों पर एक प्रशस्ति पत्र प्रस्तुत किया।

नीडोनोमिस्ट प्रो एम.एम. गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के हितधारकों को ग्रीडोनोमिक्स के कारण उत्पन्न समसामयिक समस्याओं के समाधान हेतु नीडोनोमिक्स को अपनाना चाहिए।

उन्होंने समझाया कि जैसे मधुमक्खी केवल जीवित रहने के लिए पर्याप्त शहद एकत्र करती है लेकिन इतना भी नहीं कि नष्ट कर सके, आर्थिक प्रथाओं को जिम्मेदारी से समाज के प्रबंधन के सिद्धांतों के साथ संरेखित होना चाहिए।

प्रो. गोयल ने बताया कि हितधारकों को नीडोनॉमिक्स के सिद्धांत को नीडो-कंजम्पशन, नीडो-सेविंग, नीडो -प्रोडक्शन, नीडो-इन्वेस्टमेंट, नीडो-डिस्ट्रीब्यूशन, परोपकारिता, नीडो-ट्रेड सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर आउट-ऑफ़-द-बॉक्स समाधान सोचना चाहिए ताकि लोगों की नीडो-वेल्थ, नीडो-हेल्थ और नीडो-हैप्पीनेस सुनिश्चित की जा सके ।

प्रो.गोयल का मानना​​है कि नीडोनोमिक्स महिलाओं, युवाओं, राजनीतिक नेताओं सहित मध्यम वर्ग के अनुभव को एक नीडो-समाज के निर्माण में अपनी उचित भूमिका निभाने हेतु आकार देने में सक्षम है।

नीडोनोमिस्ट प्रो एम.एम. गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के हितधारकों को बंदर दिमाग (एआई का दुरुपयोग) को भिक्षु दिमाग (एसआई का उपयोग) में बदलना चाहिए।

प्रो. गोयल ने बताया कि हमें सामान्य ज्ञान दृष्टिकोण के रूप में नीडोनोमिक्स के साथ स्ट्रीट स्मार्ट (सरल, नैतिक, कार्य-उन्मुख, उत्तरदायी और पारदर्शी) बनना चाहिए।

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