मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी के इमरजेंसी वाले बयान पर किया पलटवार, कहा- ‘रस्सी जल गई, बल नहीं गया’..

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24जून। लोकसभा सत्र के पहले दिन सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला किया. केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए खड़गे ने सवाल किया कि वे आपातकाल के मुद्दे को लगातार उठाकर कब तक शासन करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले के आपातकाल का जिक्र किया, लेकिन पिछले 10 वर्षों के उस अघोषित आपातकाल को भूल गए जिसका जनता ने इस लोकसभा चुनाव में अंत कर दिया है.’

उन्होंने यह भी कहा, ‘देश को उम्मीद थी कि संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नीट एवं अन्य परीक्षओं में ‘पेपर लीक’ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलेंगे, लेकिन उन्होंने मौन साध लिया.’ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हार के बावजूद उनका अहंकार बना हुआ है.

पीएम ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा काला धब्बा करार देते हुए सोमवार को कहा, ‘इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करे.’ 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के अवसर पर संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही.

खड़गे ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी जी अपने रस्मी संबोधन में आज जरूरत से ज़्यादा बोले. इसे कहते हैं, रस्सी जल गई, बल नहीं गया.’ उन्होंने कहा, ‘देश को आशा थी कि मोदी जी महत्वपूर्ण मुद्दों पर कुछ बोलेंगे. युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाएंगे, पर उन्होंने अपनी सरकार की धांधली व भ्रष्टाचार के बारे में कोई जिम्मेदारी नहीं ली. हाल ही में हुई पश्चिम बंगाल की रेल दुर्घटना के बारे में भी मोदी जी मौन साधे रहे.’

खड़गे ने दावा किया, ‘मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा की चपेट में है, पर मोदी जी ना वहां गए और ना ही उन्होंने आज के अपने भाषण में ताजा हिंसा के बारे में कोई चिंता व्यक्त की है. असम व पूर्वोत्तर में बाढ़ हो, कमरतोड़ महंगाई हो, रुपये का गिरना हो, एग्जिट पोल-स्टॉक बाजार घोटाला हो- अगली जनगणना लंबे समय से मोदी सरकार ने लंबित रखी है, जातिगत जनगणना पर भी मोदी जी बिलकुल चुप थे.’

कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि लोगों ने मोदी जी के खिलाफ जनमत दिया है, इसके बावजूद अगर वो प्रधानमंत्री बन गए हैं तो उन्हें काम करना चाहिए. खड़गे ने कहा, ‘विपक्ष व ‘इंडिया जनबंधन’ संसद में सहमति चाहता है, हम जनता की आवाज सदन, सड़क और सभी के समक्ष उठाते रहेंगे. हम संविधान की रक्षा करेंगे.’

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