बीजेपी को अब और समर्थन नहीं…’, बीजेडी सांसदों के साथ बैठक में नवीन पटनायक ने कही बड़ी बात

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25जून। बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने अपनी पार्टी के नौ राज्यसभा सांसदों से 27 जून से शुरू होने वाले आगामी संसद सत्र में एक मजबूत विपक्ष बनने का आग्रह किया है। इसके साथ पूर्व सीएम ने ओडिशा के हितों की प्रभावी ढंग से वकालत करने की आवश्यकता पर बल दिया है। बैठक में बीजेडी सांसदों ने ओडिशा के अधिकारों के लिए लड़ने का संकल्प लिया और राज्य में विशेष दर्जा, कोयला रॉयल्टी और बुनियादी ढांचे की कमी जैसे मुद्दों को संबोधित करने की योजना बनाई है।

बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने सोमवार को अपनी पार्टी के 9 राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक की। इस दौरान उनसे 27 जून से शुरू होने वाले आगामी सत्र के दौरान संसद के सदन में एक विपक्ष की भूमिका निभाने को कहा। इसके अलावा मीटिंग में बीजद प्रमुख ने सांसदों से राज्य के हितों से संबंधित मुद्दों को उचित तरीके से उठाने के लिए भी कहा।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में पार्टी के नेता सस्मित पात्रा ने बीजेपी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “बीजद सांसद इस बार केवल मुद्दों पर बोलने तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि अगर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ओडिशा के हितों की अनदेखी की तो वे आंदोलन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” पात्रा ने कहा कि बीजद भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को मुद्दा-आधारित समर्थन देने के अपने पहले वाले रुख पर कायम है। लेकिन अब केवल समर्थन ही किया है, लेकिर ओडिशा के हितों की अनदेखा नहीं किया जाएगा। राज्य के हितों की रक्षा की बता होगी तो बीजेडी विरोध भी करेगी।

बीजद नेता ने आगे कहा कि कोयला रॉयल्टी में संशोधन की ओडिशा की मांग को केंद्र ने पिछले 10 वर्षों से नजरअंदाज कर दिया है। इससे राज्य के लोगों को बहुत नुकसान हो रहा है जो अपने उचित हिस्से से वंचित हैं…ऐसे में राज्यसभा में बीजेडी के नौ सांसद एक मजबूत विपक्ष के रूप में काम करेंगे। पटनायक ने संसद में राज्य के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। पात्रा आगे कहा, “भाजपा को समर्थन देने का कोई सवाल ही नहीं है। बीजद अध्यक्ष ने हमसे कहा कि अगर राजग सरकार ओडिशा की वास्तविक मांगों को नजरअंदाज करना जारी रखती है तो हम एक मजबूत विपक्ष के रूप में काम करेंगे।”

पात्रा ने कहा कि ओडिशा को विशेष दर्जा देने की मांग उठाने के अलावा, बीजद सांसद राज्य में खराब मोबाइल कनेक्टिविटी और बैंक शाखाओं की कम घनत्व के मुद्दे उठाएंगे। बीजेडी के राज्यसभा में नौ सांसद हैं, जबकि 1997 में अपने गठन के बाद पहली बार हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में वह कोई भी सीट जीतने में असफल रही।

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