समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,04जुलाई। दो दिवसीय ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 2024 नई दिल्ली के भारत मंडपम में शुरू हुआ। इस उद्घाटन समारोह में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री, भारत सरकार, अश्विनी वैष्णव, जापान के आंतरिक मामले और संचार मंत्रालय के उप मंत्री हिरोशी योशिदा, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री, भारत सरकार, जितिन प्रसाद, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव एस कृष्णन, नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष, ओपन एआई के उपाध्यक्ष श्रीनिवास नारायणन और इलेक्ट्रॉनिकी एवं आईटी मंत्रालय के अपर सचिव अभिषेक सिंह शामिल हुए।
इस आयोजन में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) के विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों, उद्योग और स्टार्टअप दिग्गजों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े पेशेवरों, शिक्षाविदों, छात्रों और केंद्र एवं राज्य सरकारों के अधिकारियों की भागीदारी देखी गई।
अश्विनी वैष्णव ने सभा को संबोधित करते हुए, प्रौद्योगिकी व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लोकतांत्रिक बनाने और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने के भारत सरकार के इरादे और दृष्टिकोण पर जोर दिया, जिससे कोई भी पीछे न छूटे। उन्होंने कहा कि सरकार एआई केंद्रित कॉमन यूज पब्लिक प्लेटफॉर्मों में निवेश करना चाहती है, जिसका उपयोग सभी लोग प्रतिस्पर्धी और सहयोगात्मक तरीके से उत्पादों व सेवाओं को नवीनीकृत करने, विकसित करने एवं वितरित करने के लिए कर सकते हैं।
उन्होंने जापान, यूरोपीय संघ, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा एआई क्षेत्र में विकास पर भी चर्चा की। उन्होंने एआई द्वारा उत्पन्न जोखिमों के बारे में भी आगाह किया, जो लोकतांत्रिक समुदायों के लिए खतरा हो सकते हैं। श्री वैष्णव ने जिम्मेदारीपूर्ण और मानव केंद्रित एआई का आह्वान किया।
हिरोशी योशिदा ने भारत सरकार की प्रशंसा की और कहा कि ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) का आयोजन जिम्मेदारीपूर्ण एआई के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने ग्लोबल साउथ में जीपीएआई के अध्यक्ष के रूप में भारत का समर्थन किया। उन्होंने बताया कि जापान ने ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) के टोक्यो केंद्र की स्थापना की है। हिरोशी योशिदा ने कहा कि होरिश्मा एआई प्रोसेस फ्रेंड्स ग्रुप 53 देशों तक बढ़ गया है और भारत इसमें शामिल होने वाले पहले देशों में से एक था।
जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत वैश्विक एआई नवाचार में सबसे आगे खड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता एक समावेशी और मजबूत एआई इकोसिस्टम को बढ़ावा देना है। यह वैश्विक स्तर पर भारत द्वारा हासिल की गई उच्चतम एआई कौशल पहुंच और देश में एआई स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने में किए गए पर्याप्त निवेश से स्पष्ट है। उन्होंने इंडिया एआई मिशन के दृष्टिकोण पर बल दिया, जिसका उद्देश्य भारत में एआई बनाना और एआई को भारत के लिए काम करना है। उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समस्याओं और चुनौतियों के समाधान के लिए एआई के समाधान विकसित करने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिकृति के लिए अन्य देशों द्वारा भारत की डीपीआई की मांग की जाती है। भारत के एआई समाधानों का भविष्य भी समान होने की परिकल्पना की गई है।
एस कृष्णन ने कहा कि अधिक जनसंख्या के स्तर पर एआई को अपनाने के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण आवश्यक है। उन्होंने बड़े पैमाने पर समुदाय के लिए एआई के लाभों और सभी परिदृश्यों में उपयोगकर्ता के नुकसान को रोकने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारशिलाओं में से एक होगा।
श्रीनिवास नारायणन ने एआई पर वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि ओपन-एआई इंडियाएआई के साथ साझेदारी करके एक वैल्यू जोड़कर योगदान देना चाहेगा। उन्होंने एआई समाधानों के विभिन्न उपयोग-मामलों विशेष रूप से डिजिटल ग्रीन (कृषि में), भाषिणी (भारतीय भाषा में), फिजिक्स वाला (शिक्षा में), आदि को साझा किया।
देबजानी घोष ने एआई संबंधी सच्चाइयों के बारे में बात की और बताया कि पहला सच यह है कि एआई परिवर्तनकारी प्रभाव डाल रहा है, दूसरा निवेश पर मिलने वाले लाभों के साथ निवेश के सामंजस्य के बारे में है, और तीसरा एआई का मानव संचालित पहलू है जहां इसे हर समस्या के मैजिक बुलेट समाधान के तौर पर न देखने की बात की है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इंडियाएआई वास्तव में समावेशी बनकर और एआई लूप में मानव को रखने के बजाय एआई को मानव लूप में रखकर एआई के लिए एक स्वर्णिम मानक स्थापित करेगा।
उद्घाटन समारोह में अभिषेक सिंह ने समारोह में गणमान्य व्यक्तियों, जीपीएआई विशेषज्ञों और अनुसंधान एवं शिक्षा, उद्योग, स्टार्टअप और सरकार के प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने इंडियाएआई मिशन के बारे में संक्षेप में बताया और साझा किया कि मिशन के 7 स्तंभों को गहनता के साथ कवर करने के लिए दो दिनों में 12 सत्रों की योजना बनाई गई है। इसके पीछे की सोच मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और बहुआयामी दृष्टिकोण से आगे बढ़ने के तरीके पर चर्चा करना है। उन्होंने यह भी बताया कि जीपीएआई के अध्यक्ष के रूप में भारत, जीपीएआई के भविष्य के दृष्टिकोण के साथ आने के लिए जीपीएआई सदस्य राज्यों, ओईसीडी और वैश्विक दक्षिण के साथ मिलकर काम कर रहा है।
उद्घाटन समारोह के बाद एआई पर छह सत्र आयोजित किये गये। सत्रों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
उप-सत्र 1: इंडियाएआई: लार्ज लैंग्वेज मॉडल
सत्र की शुरुआत ओपन एआई के उपाध्यक्ष श्रीनिवास नारायणन के मुख्य भाषण से हुई। इस सत्र के प्रतिष्ठित पैनलिस्ट में शालिनी कपूर, सीटीओ, एडब्ल्यूएस, डॉ. कालिका बाली, पीआर रिसर्चर, माइक्रोसॉफ्ट, डॉ. मोहित सेवक, एआई रिसर्चर, एनवीआईडीआईए, डॉ. प्रत्यूष कुमार, सह-संस्थापक, सर्वम एआई, प्रोफेसर गणेश रामकृष्णन, आईआईटी बॉम्बे और अमिताभ नाग, सीईओ, भाषिणी (मॉडरेटर) शामिल थे। चर्चा में भारतीय आवश्यकता के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाले एलएलएम प्रदान करने के लिए ट्रिलियन टोकन की जटिलता और आवश्यकता पर चर्चा की गई तथा सुझावों में मल्टी-मॉडल, संवादात्मक एआई से कार्रवाई योग्य एआई में अपग्रेड करने की आवश्यकता, सिंथेटिक डेटा, मिनिएचराइजेशन और इस क्रांति की गहन समझ की आवश्यकता पर संवाद शामिल था। साथ ही यहां इस बात पर भी चर्चा हुई कि इसे अपनाना ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
उप-सत्र 2: वैश्विक स्वास्थ्य और एआई पर जीपीएआई का आयोजन
सत्र की शुरुआत डब्ल्यूएचओ के डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. कार्तिक अदापा के मुख्य भाषण से हुई। इस सत्र के प्रतिष्ठित पैनलिस्ट में समीर कंवर, निदेशक, पीएटीएच (मॉडरेटर), मेघा चौधरी, सलाहकार, ब्रेनसाइट एआई, अंकित मोदी, संस्थापक सदस्य, क्यूरे एआई, डॉ. संजय सरीन, वीपी, फाइंड, मिहिर कुलकर्णी, वैज्ञानिक, वाधवानी एआई, डॉ. मोना दुग्गल, सहायक प्रोफेसर, पीजीआईएमईआर, डॉ. अनुराग अग्रवाल, अशोक विश्वविद्यालय, मधुकर कुमार भगत, जेएस, एमओएचएफडब्ल्यू, डॉ. बसंत गर्ग, एसीईओ, एनएचए, जो अग्रवाल, सीईओ, वायसा और गीतांजलि राधाकृष्णन, सीईओ और एमडी, एडिवो डायग्नोस्टिक्स शामिल थे। चर्चा के मुख्य बिंदुओं में नियामक और नीतिगत मुद्दे, स्वास्थ्य देखभाल डेटासेट, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता, सामुदायिक स्वास्थ्य एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए एआई का उपयोग और ग्लोबल साउथ में सामाजिक मुद्दे शामिल थे। स्वास्थ्य सेवा में भारत की डीपीआई और उसमें एआई के उपयोग पर भी चर्चा की गई।
उप-सत्र 3: इंडियाएआई: असल जीवन में एआई समाधान
मुख्य भाषण जयेश रंजन, विशेष मुख्य सचिव, तेलंगाना सरकार और संकेत एस भोंडवे, संयुक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया। सत्र के प्रतिष्ठित पैनलिस्ट में सुरभि अग्रवाल, संपादक, प्रौद्योगिकी, इकोनॉमिक टाइम्स (मॉडरेटर), डॉ. अल्पन रावल, मुख्य एमएल वैज्ञानिक, वाधवानी एआई, विशाल सुनील, सीटीओ, रॉकेट, अमृता महाले, उत्पाद प्रमुख, आर्ममैन, सुश्री प्रिया नागपुरकर, उपाध्यक्ष, हाइब्रिड क्लाउड और एआई प्लेटफॉर्म, आईबीएम रिसर्च, मनु चोपड़ा, सीईओ, कार्या, सृजना मेरुगु, प्रधान वैज्ञानिक, अमेज़ॅन, अदिति नामदेव, निदेशक- रणनीतिक पहल, जे-पाल और डॉ. विवेक राघवन, सह-संस्थापक, सर्वम एआई शामिल थे। सत्र में एआई को जल्दी से अपनाने, एआई विभाजन, एआई समाधान को बढ़ाने और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर चर्चा हुई।
उप-सत्र 4: एआई के लिए भारत की बुनियादी संरचना की तैयारी
इस सत्र में मुख्य भाषण एएमडी के एसवीपी थॉमस जकारिया ने दिया। इस सत्र में कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। इनमें एनवीडिया के एमडी विशाल धूपर, सी-डैक के ईडी कर्नल एके नाथ (सेवानिवृत्त), माइक्रोसॉफ्ट की सीटीओ रोहिणी श्रीवत्स, क्रुट्रिम-ओला के एसवीपी संबित साहू, इन्टेल के उपाध्यक्ष अनिल नंदूरी, एपीई के सीटीओ रंगनाथ सदाशिव, रिलायन्स जिओ के उपाध्यक्ष-एआई गौरव अग्रवाल, योट्टा डेटा सर्विसेज के एमडी और सीईओ सुनील गुप्ता, पीपल+एआई के प्रमुख तनुज भोजवानी, नेटवेब टेक्नोलॉजीज के एसवीपी हृदय विक्रम और कार्नेगी इंडिया के रिसर्च फेलो अमलान मोहंती (संचालक) थे। इस सत्र में संप्रभुता, अनुपालन, डिजिटल स्वायत्तता, अधिक कम्प्यूटेशनल संसाधन, लागत प्रभावी जीपीयू सेवाएं, निवेश, परम श्रृंखला सुपर कंप्यूटर, कुशल संसाधन और कंप्यूटिंग तक पहुंच जैसे विषयों को शामिल किया गया।
उप-सत्र 5: इंडियाएआई: एआई युग में सुरक्षा, विश्वास और शासन सुनिश्चित करना
इस सत्र में मुख्य भाषण इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने दिया। इसमें कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। आईआईटी-मद्रास के प्रोफेसर डॉ. बलरामन रविन्द्रन, सार्वजनिक नीति, सिरिल अमरचंद मंगलदास की पब्लिक पॉलिसी के निदेशक अर्जुन गोस्वामी, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव महावीर सिंघवी, मोजिला-इंडिया कंट्री प्रमुख जिबू एलियास (संचालक), यूनेस्को के निदेशक टिम कर्टिस, आईस्प्रिट के सह-संस्थापक शरद शर्मा, एमईआईटीवाई के जीसी-सीएलडी दीपक गोयल और डिजिटल फ्यूचर्स लैब की निदेशक डॉ. उर्वशी अनेजा थीं। इसमें संप्रभुता, अनुपालन, डिजिटल स्वायत्तता, अधिक कम्प्यूटेशनल संसाधन, सस्ती जीपीयू सेवाएं, निवेश, परम श्रृंखला सुपर कंप्यूटर, कुशल संसाधन और कंप्यूटिंग तक पहुंच जैसे विषयों को शामिल किया गया। इसके अलावा सत्र में विधि व सुरक्षा मुद्दों, एआई के जिम्मेदार उपयोग को लेकर वैश्विक प्रतिक्रिया, ओपन-सोर्स प्रौद्योगिकियां, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटासेट आदि पर चर्चा भी की गई।
उप-सत्र 6: वैश्विक भागीदारी पर सहयोगात्मक एआई (सीएआईजीपी)
रोहित रथीश, संयुक्त सचिव (डीपीए-III), विदेश मंत्रालय ने मुख्य भाषण दिया। इस सत्र में प्रतिष्ठित पैनल सदस्य शामिल थे, जैसे प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी, महानिदेशक, आरआईएस (सत्र संचालक), सुशील पाल, संयुक्त सचिव-आईसीडी, एमईआईटीवाई, विशाल धूपर, एमडी, एनवीडिया, एनाबेल ली, निदेशक, एडब्ल्यूएस, जेरी शीहान, निदेशक, ओईसीडी, डॉ. कालिका बाली, प्रधान शोधकर्ता, माइक्रोसॉफ्ट, रुद्र चौधरी, निदेशक, कार्नेगी इंडिया, देबजानी घोष, अध्यक्ष, नैसकॉम, जया जगदीश, कंट्री हेड, एएमडी इंडिया, अनिरुद्ध सूरी, प्रबंध भागीदार, इंडिया इंटरनेट फंड, मैथ्यू मार्कोटे, निदेशक, सीईआईएमआईए, और डॉ. सुबी चतुर्वेदी, ग्लोबल एसवीपी, इनमोबी। सत्रों में संप्रभुता, अनुपालन, डिजिटल स्वायत्तता, अधिक कम्प्यूटर गणना योग्य संसाधन, लागत प्रभावी जीपीयू सेवाएं, निवेश, परम श्रृंखला सुपरकंप्यूटर, कुशल संसाधन और कम्प्यूटर गणना तक पहुंच शामिल थी। सत्र में वैश्विक उत्तर और दक्षिण के बीच असमानताएं, वैश्विक शासन तंत्र, डीपीआई के माध्यम से एआई का लोकतंत्रीकरण, एआई मानक, आदि शामिल थे।
पृष्ठभूमि:
भारत सरकार 3-4 जुलाई, 2024 को नई दिल्ली में ‘ग्लोबल इंडियाएआई समिट’ का आयोजन कर रही है। शिखर सम्मेलन में कम्प्यूट क्षमता, आधारभूत मॉडल, डेटासेट, अनुप्रयोग विकास, भविष्य के कौशल, स्टार्टअप वित्तपोषण और सुरक्षित एआई जैसे क्षेत्रों में एआई विकास को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो इंडियाएआई मिशन के सात प्रमुख स्तंभ हैं। इंडियाएआई मिशन को मार्च 2024 में 1.25 बिलियन डॉलर के परिव्यय के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया है।
जीपीएआई 29 सदस्य देशों के साथ एक बहु-हितधारक पहल है, जिसका उद्देश्य एआई से संबंधित प्राथमिकताओं पर अत्याधुनिक अनुसंधान और प्रयुक्त गतिविधियों का समर्थन करके एआई पर सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटना है। भारत 2024 में जीपीएआई का अध्यक्ष (लीड चेयर) है। जीपीएआई के अध्यक्ष के रूप में, भारत प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने और भरोसेमंद एआई को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक एआई विशेषज्ञों की मेजबानी कर रहा है।
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