समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,13 जुलाई। भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने इस क्षेत्र के विकास और भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ रणनीतिक चर्चा करने के उद्देश्य से तमिलनाडु के मदुरै में ‘मत्स्य पालन ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024’ का आयोजन किया। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 114 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल 321 प्रभावी परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन स्थलों से मछुआरों और मछुआरिनों के साथ लाइव वर्चुअल बातचीत भी की गई।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें विभिन्न जलीय कृषि प्रौद्योगिकियों जैसे आरएएस, बायोफ्लोक, सजावटी मत्स्य पालन, मोती की खेती आदि के लिए उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया। राजीव रंजन सिंह ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) वितरित किए, लाभार्थियों को पीएमएमएसवाई उपलब्धि पुरस्कार पत्र प्रदान किए और ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर शामिल एफएफपीओ को सम्मानित किया। उन्होंने प्रदर्शनी के दौरान उद्यमियों और वैज्ञानिकों से संवाद भी किया।
मत्स्य पालन विभाग (भारत सरकार) ने पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 2,195 मत्स्य पालन प्रशिक्षण केन्द्रों (एफएफपीओ) के गठन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है और लगभग 95 एफएफपीओ को ओएनडीसी नेटवर्क पर शामिल किया गया है। ओएनडीसी के साथ इस सहयोग से एफएफपीओ को लेन-देन की लागत में कमी, बाजार पहुंच में वृद्धि, पारदर्शिता में सुधार, प्रतिस्पर्धा और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि, नवाचार, रोजगार सृजन आदि कई लाभ प्राप्त हुए हैं। ओएनडीसी नेटवर्क पर शामिल किए गए छह प्रतिभागियों – गोरखपुर किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड, जिला गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, कपसी मत्स्य किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड, जिला कांकेर, छत्तीसगढ़, बनमनखी मत्स्य किसान कंपनी लिमिटेड, जिला पूर्णिया, बिहार, बस्तरपर्ल मत्स्य किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड, बस्तर, छत्तीसगढ़, लारी मछली उत्पादक कंपनी लिमिटेड, जिला देवरिया, उत्तर प्रदेश और कोंडापाका मत्स्य उत्पादक कंपनी लिमिटेड, जिला सिद्दीपेट, तेलंगाना को कार्यक्रम के दौरान इस क्षेत्र के विकास में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लाभार्थियों को केसीसी प्रमाण पत्र और पीएमएमएसवाई स्वीकृति आदेश भी वितरित किए। सजावटी मत्स्य पालन इकाइयों के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाली लाभार्थियों में योगेश्वरी पत्नी कथिरेश कुमार, सुगुना पत्नी मुथु पांडी, सिंधु पत्नी सुधाकर, कलैयारसी पत्नी शक्तिवेल और पचैयाम्मल पत्नी मथियालगन शामिल थीं।
भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्रालय के साथ 2024 में अपने गठन के पांच साल पूरे कर लिए हैं। अपनी स्थापना के बाद से, मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ) ने भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास और वृद्धि के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। मत्स्य संसाधनों की क्षमता का स्थायी तरीके से दोहन करने और मत्स्य पालन क्षेत्र में समग्र विकास लाने के लिए, मत्स्य पालन विभाग ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें नीली क्रांति (बीआर), मत्स्य पालन अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और पीएमएमएसवाई के तहत आगामी उप-योजना शामिल हैं। इसमें क्षेत्रीय अंतराल को पाटने और संरचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए इन योजनाओं के माध्यम से 38,572 करोड़ रुपये के संचयी निवेश की परिकल्पना की गई है।
सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद, बिहार की पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री रेणु देवी, असम के मत्स्य पालन मंत्री केशव महंत, मेघालय के पशुपालन, पशु चिकित्सा एवं मत्स्य पालन विभाग के मंत्री अलेक्जेंडर लालू हेक, अरुणाचल प्रदेश के कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गेब्रियल डी. वांगसू और ओडिशा के राज्य मंत्री (प्रभारी) गोकुलानंद मल्लिक भी उपस्थित थे।