डॉ. मनसुख मांडविया ने पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए भारत की तैयारियों की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,13 जुलाई। केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल, श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के लिए भारत की तैयारियों की समीक्षा करने हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

पेरिस ओलंपिक में 16 खेलों में भारत के 48 महिला एथलीटों सहित कुल 118 एथलीट भाग लेंगे। पेरिस जाने वाले कुल 118 एथलीटों में से 26 खेलो इंडिया के एथलीट हैं और 72 एथलीट पहली बार ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई हुए हैं।

डॉ. मांडविया ने एथलीटों को समग्र सहायता सुनिश्चित करने एवं स्पर्धाओं से पहले और आयोजन के दौरान किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए एक समन्वय समूह भी बनाया।

डॉ. मांडविया ने एथलीटों को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता प्रदान करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने एथलीटों को दिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को दोहराते हुए कहा, “चूंकि हमारे एथलीट तैयारियों और स्पर्धा के इस महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए हमारा ये सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि वे सर्वश्रेष्ठ शारीरिक और मानसिक स्थिति में हों।”

इस बैठक के दौरान डॉ. मांडविया ने संतोष व्यक्त किया कि 80 प्रतिशत से ज्यादा योग्य एथलीट पहले ही यूरोप के विभिन्न स्थानों में प्रशिक्षण ले रहे हैं, ताकि ये सुनिश्चित होगा कि वे अनुकूलन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करेंगे।

सरकार टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के जरिए भारतीय एथलीटों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए उनकी सर्वोत्तम तैयारी मुमकिन हो। इसमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बेहतर करने के लिए विश्वस्तरीय कोच और विशेषज्ञों की भागीदारी, एथलीटों को बेशकीमती अनुभव देने के लिए स्पर्धाओं का आयोजन और पुनर्वास व चोट के प्रबंधन पर केंद्रित प्रयास करना शामिल है।

पहली बार खेल गांव में भारतीय एथलीटों के लिए खेल विज्ञान उपकरणों के साथ एक रिकवरी सेंटर मौजूद होगा। इसके अलावा, पेरिस के पार्क ऑफ नेशंस में इंडिया हाउस की स्थापना की गई है, जो फ्रांस सहित 14 अन्य देशों के साथ मिलकर इसी तरह के हाउस स्थापित करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे तमाम निर्णय एथलीटों की जरूरतों और नजरियों पर ध्यान केंद्रित करके किए जाते हैं।

ये सब कोशिशें एथलीटों के प्रदर्शन और कल्याण को बेहतर करने के समर्पण को रेखांकित करती हैं। ये उनकी सफलता और उपलब्धियों के प्रति एक सुदृढ़ प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है।

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