“सार्वजनिक सुविधाओं की शीघ्र और सर्वोत्तम संभव डिलीवरी सुनिश्चित करें”: डॉ. जितेन्द्र सिंह
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने उधमपुर जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15जुलाई। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यहां कहा कि उधमपुर प्रशासन और स्थानीय निकायों को सार्वजनिक सुविधाओं की समय पर एवं निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।
उपायुक्त सलोनी राय, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के एक दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पानी की कमी, बिजली की कमी, खस्ताहाल सड़कें और अनधिकृत पार्किंग जैसे ज्वलंत मुद्दों के तत्काल समाधान के निर्देश जारी किए। जिला प्रशासन से जनता के मुद्दों को हल करने के लिए हर संभव कदम उठाने का आह्वान करते हुए उन्होंने दोहराया कि सरकार जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही उन्होंने कहा कि इसके सभी कदम समाज के सभी वर्गों के लिए जीवन को आसान बनाने पर केन्द्रित हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्र प्रथम के मंत्र के साथ मोदी सरकार का शासन मॉडल जन-भागीदारी और संकल्प से सिद्धि की भावना से प्रेरित है। केन्द्रीय मंत्री ने डीडीसी से जनता की शिकायतों और मांगों के निवारण में अपनी भूमिका निभाने का भी आग्रह किया। उन्होंने निर्देश दिया कि पार्षदों को आज की बैठक में उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
जिले के कई इलाकों से आए जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार बिजली कटौती की शिकायत पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने निर्देश दिया कि बिजली विभाग के संबंधित अधिकारी मौके पर जाकर स्थिति का आकलन करें और समस्या का तुरंत समाधान करें। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भीषण गर्मी में बिजली कटौती के कारण लोगों को कम असुविधा हो।”
इसी तरह, मंत्री ने कनेक्टिविटी को बेहतर करने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जीर्ण-शीर्ण सड़कों की मरम्मत व अन्य सड़कों का पक्के तौर पर निर्माण करने का आह्वान किया। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए पीआरआई सहित हितधारकों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करें। उन्होंने अधिकारियों को स्थानीय लोगों के संपर्क में रहने, प्रभावित क्षेत्रों का नियमित रूप से दौरा करने और दूरदराज के गांवों में जागरूकता शिविर आयोजित करने का भी निर्देश दिया ताकि लोगों को स्वच्छता, आवास और शिक्षा पर योजनाओं के लाभों के बारे में जानकारी मिल सके।
समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जिले में लैवेंडर की खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की जोरदार वकालत की। उन्होंने सलाह दी कि इस नए उद्योग में लगे स्टार्ट-अप स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के साधन बन गए हैं। उन्होंने दोहराया कि सरकार के लिए सभी को नौकरी देना संभव नहीं है। इसलिए युवाओं को जीविकोपार्जन के लिए रोजगार के अन्य आकर्षक रास्ते तलाशने चाहिए।