रेलिगेयर-जीटीटीसीआई लंच में भारत-वियतनाम सहयोग के आशाजनक भविष्य की संभावनाएँ तलाशी गईं

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16जुलाई। 4 जुलाई को रेलिगेयर समूह और वैश्विक व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (जीटीटीसीआई) ने संयुक्त रूप से नई दिल्ली स्थित रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री ले वान सू के नेतृत्व में वियतनाम के का माऊ प्रांत से आए आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए लंच का आयोजन किया।

जीटीटीसीआई और रेलिगेयर समूह की चेयरपर्सन डॉ. रश्मि सलूजा ने व्यापार बैठक की चेयरपर्सनता की और प्रतिनिधिमंडल को सहयोग और सहायता का गर्मजोशी भरा हाथ बढ़ाया। डॉ. सलूजा ने भारत में अपने व्यापारिक प्रयासों के लिए प्रतिनिधिमंडल और वियतनाम की कंपनियों को सेवाएँ और सहायता प्रदान करने में अपनी गहरी रुचि व्यक्त की।

जीटीटीसीआई के मुख्य सलाहकार और रेलिगेयर समूह के व्यापार सलाहकार श्री राकेश अस्थाना ने स्वागत भाषण दिया, जिससे एक उत्पादक और सहयोगात्मक बैठक की शुरुआत हुई।

श्री ले वान सू ने रेलिगेयर और जीटीटीसीआई को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य और सहायता के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया। उन्होंने मेजबान संगठनों द्वारा दिए गए समर्थन और सहयोग के महत्व को स्वीकार किया।

व्यापारिक बैठक में का मौ चेयरपर्सन की ओर से ऑडियोविजुअल सहायता द्वारा समर्थित एक व्यापक प्रस्तुति दी गई। इसके बाद रेलिगेयर समूह की ओर से प्रस्तुतियाँ दी गईं और जीटीटीसीआई के निदेशक श्री शुभम गुप्ता द्वारा जीटीटीसीआई द्वारा हाल ही में किए गए कार्यक्रमों का विस्तृत अवलोकन किया गया। श्री गुप्ता ने विभिन्न अवसरों पर प्रकाश डाला, जहाँ जीटीटीसीआई ने वियतनामी समकक्षों के साथ सहयोग किया है, उन्होंने कहा कि यह जीटीटीसीआई द्वारा आयोजित वियतनाम का चौथा आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल है।

वियतनाम दूतावास की व्यापार उप प्रमुख सुश्री त्रान थी लान हुआंग भी उपस्थित थीं और उन्होंने कहा कि जीटीटीसीआई द्विपक्षीय व्यापार संवर्धन के प्रयासों में वियतनामी दूतावास के साथ दीर्घकालिक साझेदार रहा है।

व्यापारिक बैठक में प्रमुख प्रतिभागियों में हमदर्द के मुख्य रणनीति अधिकारी श्री कुणाल अवस्थी, नैकॉफ के निदेशक श्री राजीव सिंह, श्री सुमित दुग्गल और श्री रोहित टेकरीवाल शामिल थे।

लंच का समापन शानदार तरीके से हुआ, जिसमें सभी पक्षों ने भारत और वियतनाम के बीच सहयोग के भविष्य के बारे में आशा व्यक्त की। इस कार्यक्रम ने दोनों देशों के बीच मजबूत और बढ़ती साझेदारी को रेखांकित किया, जिससे व्यापार और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए नए रास्ते खुल गए।

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