समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर जारी हिंसा अब थमने को है। भारी हिंसा के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए नौकरी में आरक्षण का निर्णय वापस ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अब केवल 7 फीसदी कोटा 1971 के स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए रखा गया है। वहीं कुल बाकी के 93 फीसदी योग्यता के अनुसार अन्य कैंडिडेट्स के लिए रखा गया है।
133 मौतों के बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बांग्लादेश आरक्षण की आग में जल रहा था। आरक्षण के विरोध में बांग्लादेश के स्टूडेंट सड़कों पर उतर आए थे। प्रदर्शन धीरे-धीरे बढ़कर उग्र हो गया और इसमं 133 लोगों की मौत भी हो गई। शेख हसीना सरकार भी हालात को संभाल पाने में विफल साबित हो गई। इसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरक्षण के फैसले को पलट दिया है।
ये रहा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के मामले में फैसला सुनाते हुए अब नौकरी में कोटा को रद्द कर दिया है। अब 93 फीसदी सरकारी नौकरियों में कोई कोटा नहीं रहेगा और योग्यता के आधार पर इसमें चयन होगा। जबकि 7 फीसदी नौकरियां 1971 की जंग में मारे गए स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए छोड़ दिया गया है। अब तक इनके लिए 30 फीसदी नौकरियां आरक्षित रखी गईं थीं। रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने ये बड़ा निर्णय लिया है।
सप्ताह भर से जल रहा था बांग्लादेश
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सप्ताह भर से बांग्लादेश में आग लगी हुई थी। छात्र रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हालात ये थे कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। अभी भी वहां पर कर्फ्यू लगा है और शूट एट साइट का ऑर्डर भी दिया गया हुआ है। इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शायद अब हालात में सुधार हो।