आम बजट 2024 से पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण की प्रस्तुति: महत्वपूर्ण तथ्य और सरल व्याख्या

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई। कल संसद में आम बजट 2024 (Budget-2024) पेश होने वाला है। उससे पहले, आज संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। आर्थिक सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो देश की आर्थिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है और आगामी बजट के लिए आधार तैयार करता है। यह सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाता है और इसमें देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर गहन जानकारी होती है।

आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व

आर्थिक सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य सरकार, नीति निर्माताओं और जनता को देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और भविष्य की चुनौतियों के बारे में सूचित करना है। यह सर्वेक्षण नीतिगत निर्णयों में सहायता करता है और सरकार को आर्थिक सुधारों के लिए आवश्यक दिशा प्रदान करता है। इसके माध्यम से देश की आर्थिक वृद्धि, विकास दर, बेरोजगारी, महंगाई, निर्यात-आयात और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक मानकों का आकलन किया जाता है।

आर्थिक सर्वेक्षण में प्रमुख विषय

आर्थिक सर्वेक्षण में विभिन्न आर्थिक पहलुओं पर विस्तृत जानकारी और विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है। इसमें शामिल कुछ प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:

  1. आर्थिक वृद्धि और विकास दर: सर्वेक्षण में देश की आर्थिक वृद्धि और विकास दर का विश्लेषण किया जाता है। इसमें यह बताया जाता है कि पिछले वित्तीय वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था ने कैसा प्रदर्शन किया और आने वाले वित्तीय वर्ष में क्या संभावनाएं हैं।
  2. बेरोजगारी और रोजगार: बेरोजगारी की स्थिति और रोजगार सृजन के आंकड़े भी सर्वेक्षण में शामिल होते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि रोजगार सृजन देश की आर्थिक स्थिरता और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक है।
  3. महंगाई: महंगाई की दर और इसके प्रभावों का भी विश्लेषण किया जाता है। महंगाई का सीधा प्रभाव आम जनता की क्रय शक्ति और जीवन स्तर पर पड़ता है।
  4. राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा: राजकोषीय घाटा (fiscal deficit) और राजस्व घाटा (revenue deficit) का विश्लेषण भी आर्थिक सर्वेक्षण में किया जाता है। राजकोषीय घाटा उस स्थिति को दर्शाता है जब सरकार का कुल व्यय उसके कुल राजस्व से अधिक हो जाता है। राजस्व घाटा उस स्थिति को दर्शाता है जब सरकार के कुल राजस्व संग्रहण और उसके कुल राजस्व व्यय के बीच अंतर होता है।

सरल व्याख्या

  • राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit): जब सरकार की आय (राजस्व) उसके खर्च (व्यय) से कम होती है, तो उसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि सरकार की आय 100 करोड़ रुपये है और खर्च 120 करोड़ रुपये है, तो राजकोषीय घाटा 20 करोड़ रुपये होगा।
  • राजस्व घाटा (Revenue Deficit): जब सरकार की सामान्य आय (जैसे कर संग्रह) उसके सामान्य खर्च (जैसे वेतन, पेंशन) से कम होती है, तो उसे राजस्व घाटा कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि सरकार की सामान्य आय 80 करोड़ रुपये है और सामान्य खर्च 100 करोड़ रुपये है, तो राजस्व घाटा 20 करोड़ रुपये होगा।

आर्थिक सर्वेक्षण की भूमिका

आर्थिक सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य नीति निर्माताओं को सूचित और मार्गदर्शन प्रदान करना है, ताकि वे आर्थिक सुधारों और नीतियों को सही दिशा में लागू कर सकें। यह सर्वेक्षण सरकार को आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए बजट तैयार करने में भी सहायता करता है, जिससे कि देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर और सुदृढ़ बनाया जा सके।

निष्कर्ष

आर्थिक सर्वेक्षण 2024 देश की आर्थिक स्थिति का व्यापक और गहन विश्लेषण प्रस्तुत करेगा। यह सर्वेक्षण सरकार, नीति निर्माताओं और आम जनता को देश की आर्थिक स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा और आगामी बजट के लिए आधार तैयार करेगा। आम बजट 2024 से पहले यह सर्वेक्षण सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करेगा, जिससे कि देश की आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

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