समग्र समाचार सेवा
मुजफ्फरनगर, 22 जुलाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर स्थित ढाबे और स्टॉल मालिकों के लिए ‘नेमप्लेट’ लगाना अनिवार्य किया, कई जगहों पर विरोध के स्वर सुनाई देने लगे। कुछ एनडीए सहयोगियों ने भी इस कदम पर आपत्ति जताई।
आरएसएस समर्थित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) द्वारा शनिवार को बुलाई गई एक आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि मुस्लिम समुदाय कांवड़ियों का खुले दिल से स्वागत करेगा। बैठक में यह भी माना गया कि चुनावों में लगातार हार से हताश विपक्ष के एजेंडे को करारा जवाब देने का समय आ गया है।
बैठक में ऑनलाइन मंच के माध्यम से देश भर से भागीदारी हुई, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, बंगाल, पूर्वोत्तर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के प्रतिनिधि शामिल हुए।
एमआरएम ने राजनीतिक कुंठाओं के कारण राष्ट्रीय सद्भाव को बाधित करने के उद्देश्य से विपक्ष के प्रयासों का विरोध करने के महत्व पर बल दिया। एमआरएम कार्यकर्ताओं को सामाजिक एकता बनाए रखने तथा देश की शांति को भंग करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
बैठक में प्रमुख वक्ताओं में कार्यकर्ता, अधिकारी, शिक्षाविद्, डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे, जो योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने पारदर्शिता और सामाजिक सद्भाव के महत्व पर जोर दिया तथा फल, फूल और जलपान बेचने वाली दुकानों और ठेलों पर अपना नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने को कहा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने आश्वासन दिया कि मुस्लिम विक्रेता हिंदू धार्मिक शुद्धता की आवश्यकताओं का सम्मान करेंगे, देश की गंगा-जमुनी तहजीब को मजबूत करेंगे और सांस्कृतिक सम्मान जारी रखना सुनिश्चित करेंगे। मंच ने विपक्षी नेताओं राहुल गांधी और अखिलेश यादव की योगी आदित्यनाथ के निर्देशों को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश करने के लिए आलोचना की। मुस्लिम समुदाय ने अपने हिंदू भाइयों की आस्था को सम्मान के साथ बनाए रखने की शपथ ली।
डॉ. शालिनी अली और रेशमा हुसैन सहित राष्ट्रीय महिला बोर्ड की सदस्यों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस्लाम में देश के प्रति प्रेम सर्वोपरि है। मुहर्रम और रमजान के दौरान हिंदू समुदायों के समर्थन के साथ समानताएं दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम विक्रेता भी कांवड़ियों के प्रति वैसा ही सम्मान और देखभाल बरतेंगे। मंच ने भगवान शिव के भक्तों के लिए वार्षिक शिविर और लंगर आयोजित करने के लिए मुस्लिम समुदाय की प्रतिबद्धता दोहराई, तथा विपक्ष के प्रयासों की परवाह किए बिना भारत की चिरस्थायी एकता और आपसी सम्मान का प्रदर्शन किया।