रामपुर पुलिस पर दलित शख्स को थर्ड डिग्री देने का आरोप: इंस्पेक्टर और कांस्टेबल सस्पेंड

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 जुलाई। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की पुलिस पर एक दलित शख्स को थर्ड डिग्री देने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब शख्स की पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उसके बाद पुलिस ने उस शख्स को चौकी में बंद करके थर्ड डिग्री यातना दी। इस घटना से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

घटना का विवरण

1. पत्नी की शिकायत पर कार्रवाई

रामपुर के एक दलित शख्स को उसकी पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने पकड़ा और चौकी लाया। पत्नी का आरोप था कि उसके पति ने उससे मारपीट की थी। पुलिस ने शख्स को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।

2. थर्ड डिग्री का आरोप

शख्स की पत्नी का कहना है कि पुलिस ने उसके पति को चौकी में बंद करके थर्ड डिग्री यातना दी। पुलिसकर्मियों ने उसे बेरहमी से पीटा और उसकी हालत गंभीर हो गई। इसके बाद शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस की प्रतिक्रिया

1. कार्रवाई और सस्पेंशन

इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की। संबंधित इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

2. जांच की घोषणा

पुलिस प्रशासन ने एक जांच टीम गठित की है जो इस मामले की पूरी जांच करेगी। जांच टीम को निर्देश दिया गया है कि वह इस मामले की पूरी सच्चाई सामने लाए और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करे।

सामाजिक प्रतिक्रिया

1. दलित समुदाय में आक्रोश

इस घटना से दलित समुदाय में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। उनका कहना है कि दलितों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

2. मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया

मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले।

निष्कर्ष

रामपुर में दलित शख्स को थर्ड डिग्री देने का यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। कानून व्यवस्था की रक्षा करने वाली पुलिस से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जाती है। इस घटना से पुलिस विभाग की साख पर बट्टा लगा है और जनता का विश्वास कम हुआ है। उम्मीद है कि इस मामले में न्याय होगा और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी, ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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