समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24जुलाई। भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) अधिकारी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्विटर और गूगल को फटकार लगाई है. दरअसल, सोशल मीडिया पर यूजर्स यूपीएससी परीक्षा में उनके प्रदर्शन को लेकर सवाल पूछ रहे हैं और अंजलि बिड़ला के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई अपमानजनक टिप्पणियां भी की गई हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक्स और गूगल को ओम बिड़ला की बेटी अंजलि बिड़ला से संबंधित एक पोस्ट को तुरंत हटाने का आदेश दिया। अदालत ने फैसला सुनाया कि अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट को प्रथम दृष्टया प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाना चाहिए।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, न्यायमूर्ति नवीन चावला ने अंजलि बिड़ला द्वारा दायर मानहानि मुकदमे में उल्लिखित कथित मानहानिकारक सामग्री को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रकाशित, प्रसारित, प्रसारित, ट्वीट करने या रीट्वीट करने से अज्ञात व्यक्तियों को भी रोक दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट को 24 घंटे के भीतर मॉडरेटर द्वारा हटा दिया जाएगा और यदि पीड़ित को इसी तरह की किसी अन्य पोस्ट के बारे में पता चलता है तो वह “एक्स” और “Google” को रिपोर्ट करेगा।
अधिसूचना केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी संबोधित है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एक्स, गूगल, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अज्ञात पक्षों को भी नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा। अधिकारी ने उन सोशल मीडिया पोस्टों को हटाने के निर्देश देने की मांग की थी, जिनमें दावा किया गया था कि उन्होंने अपने पिता के प्रभाव के कारण पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास कर ली है। उनके वकील ने कहा कि वह यूपीएससी, सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) परीक्षा में शामिल हुईं और उन्हें 2019 समेकित रिजर्व सूची में शामिल किया गया था। वह एक आईआरपीएस अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुईं।