समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 जुलाई। बजट 2024 के बाद बुधवार को शेयर बाजार ने धीमी शुरुआत की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को बजट पेश करने के बाद, निवेशकों की प्रतिक्रियाओं के कारण बाजार में अस्थिरता देखी गई। सेंसेक्स 100 अंक से ज्यादा फिसल गया, जबकि निफ्टी ने 30 अंक से ज्यादा फिसलकर कारोबार की शुरुआत की।
बाजार की शुरुआत
सुबह के समय, बीएसई सेंसेक्स 100 अंकों की गिरावट के साथ 66,650 अंकों पर खुला। वहीं, एनएसई निफ्टी ने 30 अंकों की गिरावट के साथ 19,800 अंकों पर कारोबार की शुरुआत की। यह गिरावट बजट में किए गए विभिन्न घोषणाओं और आर्थिक नीतियों के प्रति निवेशकों की चिंता को दर्शाती है।
गिरावट के कारण
शेयर बाजार में आई इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- बजट घोषणाओं पर निवेशकों की प्रतिक्रिया: बजट में किए गए कुछ फैसले और नीतियां निवेशकों के लिए चिंता का कारण बनीं। विशेषकर, नए टैक्स स्लैब और खर्च कटौती से संबंधित घोषणाएं निवेशकों को प्रभावित कर सकती हैं।
- वैश्विक बाजार की अस्थिरता: वैश्विक बाजार में हो रही अस्थिरता का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा जा रहा है। वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और भू-राजनीतिक तनावों का प्रभाव बाजार की दिशा को प्रभावित करता है।
- कंपनियों के प्रदर्शन: कई कंपनियों के तिमाही नतीजे अपेक्षाओं से कमतर रहे, जिससे उनके शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा, वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों में भी कमजोरी देखी गई।
प्रमुख सेक्टर पर असर
बाजार में गिरावट के चलते विभिन्न सेक्टर्स पर भी असर पड़ा:
- वित्तीय क्षेत्र: बैंकों और वित्तीय संस्थानों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
- टेक्नोलॉजी सेक्टर: आईटी कंपनियों के शेयरों में भी कमजोरी देखी गई, जिससे निफ्टी आईटी इंडेक्स पर असर पड़ा।
- उपभोक्ता वस्त्र: बजट में किए गए कुछ घोषणाओं का असर उपभोक्ता वस्त्र सेक्टर पर भी देखा गया, जिससे इस सेक्टर में हल्की गिरावट दर्ज की गई।
निवेशकों के लिए संदेश
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में आई इस गिरावट को लेकर निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। बाजार में अस्थिरता सामान्य है और निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए।
निष्कर्ष
बजट 2024 के बाद शेयर बाजार की धीमी शुरुआत ने निवेशकों के बीच चिंता पैदा की है। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई, जिससे बाजार की अस्थिरता स्पष्ट होती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह अस्थिरता अस्थायी है और दीर्घकालिक निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए। बाजार की दिशा को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और सोच-समझकर निवेश के फैसले लेने चाहिए।