नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति के लिए 48 सदस्यीय समिति का गठन

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25जुलाई। केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति तैयार करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु करेंगे। इस 48 सदस्यीय समिति में सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञ, राष्ट्रीय/राज्य/जिला/प्राथमिक दर्जे की सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव (सहकारिता), आरसीएस, और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के अधिकारी शामिल हैं।

समिति की बैठकों और कार्यशालाओं का आयोजन
नई नीति के निर्माण के लिए, राष्ट्रीय स्तर की समिति ने पूरे देश में 17 बैठकें आयोजित कीं और चार क्षेत्रीय कार्यशालाओं का भी आयोजन किया। इन बैठकों और कार्यशालाओं का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों से सुझाव और सिफारिशें प्राप्त करना था। इस प्रक्रिया के बाद, समिति ने नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का मसौदा तैयार किया है और अब इसे अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।

सहकारी संघवाद की दिशा में कदम
राज्य स्तरीय सहकारी समितियाँ, जो संबंधित राज्यों के सहकारी समिति अधिनियमों के तहत पंजीकृत हैं, राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। सहकारिता मंत्रालय सहकारी संघवाद की भावना के साथ देश में सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।

व्यवहार्य जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) की पहल
सहकारिता मंत्रालय ने देश के प्रत्येक जिले को एक व्यवहार्य जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) और एक साध्य जिला दुग्ध उत्पादक संघ के साथ जोड़ने की पहल की है। इस संदर्भ में, सहकारिता मंत्रालय ने नाबार्ड से उन जिलों में नए व्यवहार्य जिला केंद्रीय सहकारी बैंक खोलने के लिए एक योजना/एक्शन प्लान तैयार करने का अनुरोध किया है, जो अभी तक कवरेज में नहीं आए हैं।

सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने की योजना
देश में सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार ने 15 फरवरी 2023 को एक योजना को मंजूरी दी थी। इस पहल के तहत अगले पांच वर्षों में देश के सभी कवर नहीं किए गए पंचायतों/गांवों को योजना से जोड़ते हुए नई बहुउद्देश्यीय पीएसीएस या प्राथमिक डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना करने की परिकल्पना की गई है। यह डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), पीएम मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्स्य पालन तथा जलीय कृषि अवसंरचना निधि (एफआईडीएफ) सहित भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के सम्मिलन के माध्यम से पूरी होगी।

इस जानकारी को सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में साझा किया।

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