वायु प्रदूषण और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम: सुधार की दिशा में उठाए गए कदम

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25जुलाई। वायु प्रदूषण के कारण मृत्यु का सीधा संबंध स्थापित करने के लिए कोई निर्णायक डेटा उपलब्ध नहीं है। वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी बीमारियों और अन्य संबंधित समस्याओं को प्रभावित करने वाले अनेक कारकों में से एक है। स्वास्थ्य कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें पर्यावरण, खान-पान की आदतें, व्यावसायिक आदतें, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, चिकित्सा इतिहास, प्रतिरक्षा, और आनुवंशिकता शामिल हैं। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम इस प्रकार हैं:

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम:
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जनवरी 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शुरू किया। इसका उद्देश्य 24 राज्यों के 131 शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। इन शहरों में गैर-प्राप्ति शहर और मिलियन से अधिक जनसंख्या वाले शहर शामिल हैं।

एनसीएपी के तहत, वर्ष 2017 की आधार रेखा की तुलना में 2024 तक पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) सांद्रता में 20-30 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2025-26 तक पीएम 10 के स्तर में 40 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि राष्ट्रीय मानकों (60µg/m³) को प्राप्त किया जा सके।

सभी 131 शहरों ने सिटी एक्शन प्लान (सीएपी) तैयार किए हैं और शहरी स्थानीय निकाय इनका क्रियान्वयन कर रहे हैं। इन योजनाओं में वायु प्रदूषण के स्रोतों जैसे मिट्टी एवं सड़क की धूल, वाहन, घरेलू ईंधन, अपशिष्ट जलाना, निर्माण सामग्री और उद्योगों को लक्षित किया गया है।

शहरों को प्रदर्शन आधारित वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं के माध्यम से संसाधन जुटाए जाते हैं। इसमें स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से अपनाना, नगर वन योजना आदि शामिल हैं।

वायु प्रदूषण के खिलाफ उठाए गए अन्य कदम:
व्यापक वायु गुणवत्ता मानकों की अधिसूचना।
औद्योगिक क्षेत्रों के लिए समय-समय पर उत्सर्जन मानकों में संशोधन।
निगरानी नेटवर्क की स्थापना।
स्वच्छ ईंधन जैसे गैस ईंधन (सीएनजी, एलपीजी) का प्रोत्साहन।
इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा देना।
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक की शुरूआत।
बीएस-IV से बीएस-VI ईंधन मानकों की ओर बढ़ना।
निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों की अधिसूचना।
ऑन-लाइन निरंतर निगरानी उपकरणों की स्थापना।
दिल्ली और एनसीआर के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की अधिसूचना।
वाष्प रिकवरी सिस्टम (वीआरएस) की स्थापना।
इस जानकारी को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में प्रस्तुत किया।

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