समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26जुलाई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संगठनात्मक फेरबदल करते हुए राजस्थान समेत कई राज्यों में बड़े बदलाव किए हैं। पार्टी ने कुछ प्रमुख सदस्यों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपते हुए संगठन को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया है।
प्रमुख नियुक्तियाँ और फेरबदल
राजस्थान:
राधा मोहन दास अग्रवाल: राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल को राजस्थान के लिए भाजपा का नया प्रभारी नियुक्त किया गया है।
मदन राठौड़: राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को राजस्थान भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, जिन्होंने सीपी जोशी की जगह ली है।
विजया रहाटकर: भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व प्रमुख विजया रहाटकर को राजस्थान में संगठनात्मक मामलों का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
असम:
हरीश द्विवेदी: पूर्व लोकसभा सांसद हरीश द्विवेदी को असम के लिए पार्टी का प्रभारी बनाया गया है।
तमिलनाडु:
अरविंद मेनन: अरविंद मेनन को तमिलनाडु का प्रभारी नियुक्त किया गया है। यह जिम्मेदारी पहले भी उनके पास थी और उन्हें इसे दोबारा संभालने का मौका मिला है।
सुधाकर रेड्डी: तमिलनाडु में संगठनात्मक मामलों का सह प्रभारी के रूप में सुधाकर रेड्डी की नियुक्ति की गई है।
त्रिपुरा:
राजदीप रॉय: पूर्व सांसद राजदीप रॉय को त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है।
बिहार:
दिलीप कुमार जयसवाल: बिहार में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की जगह मंत्री दिलीप कुमार जयसवाल को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन बदलावों की घोषणा करते हुए कहा कि संगठन को मजबूत बनाने और चुनावी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों से पार्टी को राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी और संगठनात्मक ढांचे को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
भाजपा के ये संगठनात्मक बदलाव आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारी के मद्देनजर किए गए हैं। पार्टी का उद्देश्य राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करना और स्थानीय नेतृत्व को अधिक जिम्मेदारी देना है। इन नियुक्तियों से भाजपा को जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी, जिससे चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है।
भाजपा द्वारा किए गए ये संगठनात्मक बदलाव पार्टी की रणनीतिक सोच को दर्शाते हैं। पार्टी ने सही समय पर बदलाव कर संगठन को नए सिरे से मजबूती देने की कोशिश की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन नियुक्तियों का प्रभाव आगामी चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन पर कैसे पड़ता है।
इन बदलावों से भाजपा ने यह संकेत दिया है कि वह अपनी संगठनात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्यों में नए नेतृत्व को उभारने का प्रयास कर रही है।