समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26जुलाई। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के लोकसभा में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के प्रति समर्थन व्यक्त करने पर राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम अय्यर ने चन्नी के बयान को उनकी व्यक्तिगत राय बताते हुए कांग्रेस पार्टी को इस विवाद से अलग करने की कोशिश की है।
चन्नी का बयान और विवाद
लोकसभा में दिए गए बयान में चन्नी ने कहा कि अमृतपाल सिंह की विचारधारा को समझने की आवश्यकता है और उनके समर्थन में कई बातें कही। इससे कांग्रेस पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचने का अंदेशा हुआ है, विशेषकर उन समयों में जब पंजाब में राजनीतिक स्थिति संवेदनशील है।
जयराम अय्यर की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम अय्यर ने मीडिया से बात करते हुए चन्नी के बयान को उनकी व्यक्तिगत राय करार दिया। उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक राय नहीं है। कांग्रेस एकता और अखंडता में विश्वास करती है और किसी भी तरह के अतिवादी विचारों का समर्थन नहीं करती।”
कांग्रेस का पूर्ववर्ती रिकॉर्ड
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस को अपने नेताओं के विवादास्पद बयानों से किनारा करना पड़ा हो। पहले भी कई मौकों पर कांग्रेस को अपने नेताओं के विवादित बयानों से पल्ला झाड़ना पड़ा है, और हर बार जयराम अय्यर ने ही इस भूमिका को निभाया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह कांग्रेस की एक सोची-समझी रणनीति है या फिर पार्टी के भीतर संवाद की कमी।
रवनीत सिंह बिट्टू और चरणजीत सिंह चन्नी में हुई नोक झोंक
लोकसभा में बजट सत्र पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के बीच जमकर बहस हुई। इस बहस के कारण सदन में तनावपूर्ण माहौल बन गया, जिसके परिणामस्वरूप सदन की कार्यवाही लगभग 35 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस को अपने नेताओं के बयान पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। जहां एक ओर पार्टी खुद को मुख्यधारा की राजनीति से जोड़कर रखना चाहती है, वहीं दूसरी ओर ऐसे विवादित बयान उसकी छवि को धूमिल कर सकते हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस इस मुद्दे को कैसे संभालती है और जनता के सामने अपनी स्थिति को कैसे स्पष्ट करती है।