समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29जुलाई। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि उनका ‘जन सुराज’ अभियान आगामी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर एक राजनीतिक पार्टी का रूप ले लेगा। किशोर ने स्पष्ट किया कि उनकी नई राजनीतिक पार्टी बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेगी।
जन सुराज का सफर
किशोर पटना में जन सुराज की राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती सहित कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं। दो साल पहले शुरू किए गए जन सुराज अभियान के संदर्भ में किशोर ने कहा, “जैसा कि पहले बताया गया है, जन सुराज अभियान 2 अक्टूबर को एक राजनीतिक पार्टी बन जाएगा और अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।”
पार्टी नेतृत्व के सवाल
पार्टी के नेतृत्व और संगठनात्मक ढांचे के बारे में बात करते हुए किशोर ने कहा कि पार्टी नेतृत्व जैसे अन्य विवरण समय आने पर तय किए जाएंगे। उन्होंने इस बात की घोषणा की कि भारत रत्न से सम्मानित समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के छोटे बेटे वीरेंद्र नाथ ठाकुर की बेटी जागृति ठाकुर ने जन सुराज में शामिल होने का फैसला किया है। कर्पूरी ठाकुर के बड़े बेटे रामनाथ ठाकुर जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री हैं।
जन सुराज में शामिल अन्य प्रमुख चेहरे
जन सुराज में शामिल होने वाले अन्य प्रमुख लोगों में पूर्व राजद एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में अनुशासनहीनता के आधार पर विधान परिषद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा भी जन सुराज में शामिल हुए हैं। मिश्रा ने लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद में सेवा से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन टिकट से वंचित होने के बाद उन्होंने बक्सर से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था।
जन सुराज में शामिल होने वालों में एक और प्रमुख नाम प्रियंका का भी है, जो जदयू नेता मंगनी लाल मंडल की पुत्री हैं। मंगनी लाल मंडल पूर्व सांसद और पूर्व विधायक रह चुके हैं।
प्रशांत किशोर का राजनीतिक सफर
प्रशांत किशोर, जो राजनीतिक परामर्श फर्म IPAC के संस्थापक हैं, को पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान से प्रसिद्धि मिली थी, जिसे एक शानदार सफलता मिली थी। इसके बाद उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार के लिए भी काम किया था। कुमार उनकी सूझबूझ से प्रभावित हुए और 2018 में उन्हें जेडीयू में शामिल कर लिया। किशोर को जल्द ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत कर दिया गया, लेकिन दो साल से भी कम समय बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
किशोर ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद राजनीतिक परामर्श का काम छोड़ दिया था। उन्होंने ममता बनर्जी के लिए काम किया था, और इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भारी बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखी थी।
राजनीति में नई उम्मीद
प्रशांत किशोर की नई राजनीतिक पार्टी से बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में कई नए बदलाव की उम्मीद की जा रही है। जन सुराज अभियान के जरिए वे राज्य में सामाजिक और राजनीतिक सुधार लाने की दिशा में काम करेंगे। उनकी पार्टी के गठन और आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।