समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 30जुलाई। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का ताजा बयान चर्चा में है। अखिलेश यादव ने सोमवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन यूपीएससी एस्पिरेंट्स के डूबकर मौत का मामला उठाया। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के बुलडोजर एक्शन का जिक्र किया। अखिलेश यादव के भाषण को यूपी में योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन की तारीफ के तौर पर देखा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर कार्रवाई की प्रशंसा कर रहे हैं। हालांकि, यूपी के राजनीतिक मैदान में अखिलेश लगातार सीएम योगी के बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठाते रहे हैं। चुनावी भाषणों में इसको लेकर गंभीर आरोप लगाते रहे। फिर भी अब उनके बयान की खासी चर्चा हो रही है।
क्या है अखिलेश का बयान?
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राव कोचिंग सेंटर हादसे को एक दर्दनाक घटना बताया। उन्होंने संसद में कहा कि यह एक दर्दनाक घटना है। अखिलेश ने कहा कि योजना बनाना और एनओसी देना अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है। सवाल यह है कि कौन जिम्मेदार हैं? उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है? सपा अध्यक्ष ने कहा कि यह अवैध निर्माण का सिर्फ एक मामला नहीं है। हम उत्तर प्रदेश में देख रहे हैं कि अवैध इमारतों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। क्या यह सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?
अखिलेश के बयान की चर्चा
अखिलेश यादव के बयान की जोरदार चर्चा हो रही है। अखिलेश के बयान को यूपी के बुलडोजर एक्शन के समर्थन के रूप में पेश किया जा रहा है। इसको लेकर भाजपा समर्थकों का कहना है कि योगी सरकार अपराधियों और गैरकानूनी इमारतों पर ही बुलडोजर चलाती है। अखिलेश यादव के बयान से यह साफ हो गया है। राजनीतिक बयानों से इतर, जब वे देश की संसद में इस प्रकार का बयान दे रहे हैं, तो इसका अलग अर्थ होता है। यह सीएम योगी आदित्यनाथ के माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का अलग प्रकार से समर्थन ही है।
क्या है बुलडोजर मॉडल?
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अवैध निर्माण और माफिया तत्वों के खिलाफ बुलडोजर चलाकर कार्रवाई करने का मॉडल अपनाया है। यह मॉडल तब से चर्चा में है जब से योगी सरकार ने अवैध निर्माण, अवैध भूमि अतिक्रमण, और अपराधियों के अड्डों पर बुलडोजर चलाने की शुरुआत की। इसका उद्देश्य राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना है।
अखिलेश के बयान का अर्थ
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अखिलेश यादव का यह बयान सपा और भाजपा के बीच नए समीकरणों की शुरुआत हो सकता है। उनके बयान को यह संकेत माना जा रहा है कि विपक्ष भी सरकार की कुछ नीतियों की प्रशंसा कर सकता है, खासकर तब जब यह कानून और व्यवस्था से जुड़ा हो।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
अखिलेश यादव के इस बयान पर भाजपा के समर्थकों और नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। उनका मानना है कि अखिलेश का यह बयान योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर मॉडल की स्वीकार्यता और समर्थन को दर्शाता है। वहीं, सपा समर्थक इसे अखिलेश यादव की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिसमें वे योगी सरकार को उनके ही तरीके से घेरने की कोशिश कर रहे हैं।