कोचिंग सेंटर हादसे की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने बनाई कमेटी, 10 लाख के मुआवजे का ऐलान: जानें- अब तक क्या हुआ?
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30जुलाई। दिल्ली में हुए कोचिंग सेंटर हादसे के बाद सोमवार को संसद से लेकर ओल्ड राजेंद्र नगर की सड़कों तक पूरे शहर में आक्रोश नजर आया। इस हादसे के बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने स्थिति पर गंभीरता से संज्ञान लिया है और कई अहम फैसले लिए गए हैं। सोमवार को पांच और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और बुलडोजर से अतिक्रमणों को हटाना शुरू किया गया। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की। आइए, जानते हैं मामले से जुड़ी हर बड़ी अपडेट:
मुआवजा और प्रशासनिक कार्रवाई
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कोचिंग सेंटर में पानी भरने की घटना में जान गंवाने वाले छात्रों के परिजन को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। उपराज्यपाल ने साथ ही 24 घंटे के भीतर दिल्ली अग्निशमन सेवा, पुलिस और एमसीडी के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
गृह मंत्रालय की कमेटी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की है। यह समिति घटना के कारणों की जांच करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और नीतिगत बदलावों की सिफारिश करेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि इस समिति में अतिरिक्त सचिव, MoUHA, प्रमुख सचिव (गृह), दिल्ली सरकार, विशेष सीपी, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सलाहकार और संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय संयोजक होंगे। यह समिति 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
गिरफ्तारी और न्यायिक कार्रवाई
मामले में सोमवार को गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों को एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोचिंग सेंटर के चार सह-मालिकों समेत पांचों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 12 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में बारिश के पानी से भरी सड़क से गुजरने वाला स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) का चालक भी शामिल है। आरोप है कि वाहन के वहां से गुजरने के कारण पानी का स्तर बढ़ गया और वह (पानी) तीन मंजिला इमारत के गेट को तोड़कर बेसमेंट में घुस गया। वाहन चालक के वकील ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल का किसी की जान लेने का इरादा नहीं था।
वकील ने वाहन चालक को जमानत देने का अनुरोध किया, हालांकि अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी। आरोपी चालक मनुज कथूरिया के वकील ने कहा, ‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लेकिन पुलिस आज यह नहीं बता पाई कि उन्होंने किस आधार पर सभी पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। कल हम मनुज कथूरिया के लिए जमानत याचिका दायर करेंगे। पुलिस ने मनुज कथूरिया की गिरफ्तारी के पीछे जो थ्योरी दी है, वह निराधार है।’
एमसीडी की कार्रवाई
दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने कहा, ‘मैंने एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि दिल्ली में जो भी कोचिंग सेंटर अवैध रूप से चल रहे हैं या एमसीडी के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। एमसीडी ने राजिंदर नगर में सीलिंग अभियान चलाया, जिसमें 13 ऐसे कोचिंग सेंटर सील किए गए।’
उन्होंने कहा, ‘आज भी सीलिंग अभियान चला और 6 कोचिंग संस्थान सील किए गए। मुखर्जी नगर में भी सीलिंग अभियान चलाया गया। जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया और एक सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया। अवैध रूप से चल रहे ऐसे किसी भी कोचिंग सेंटर को बख्शा नहीं जाएगा।’
लोकसभा में मुद्दा
लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने जहां एक ओर जांच की मांग की, वहीं सैकड़ों छात्रों ने पश्चिम दिल्ली में राव आईएएस स्टडी सर्किल के पास विरोध प्रदर्शन जारी रखा, जहां शनिवार रात को यह भयावह घटना घटी थी। इस घटना में तीन छात्रों की मौत हो गई थी क्योंकि वे बेसमेंट में पानी भर जाने से फंस गए थे, जिसका अवैध रूप से इस्तेमाल लाइब्रेरी के रूप में किया जा रहा था।
इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं से एक-दूसरे पर दोषारोपण शुरू कर दिया है। भाजपा ने आप कार्यालय के निकट विरोध प्रदर्शन किया और अरविंद केजरीवाल सरकार के इस्तीफे की मांग की। दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि तीनों छात्रों की मौत दिल्ली और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के कारण हुई।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में नालों से गाद निकालने का निर्देश जारी करने में कथित रूप से विफल रहे अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर उपराज्यपाल सचिवालय के पास विरोध प्रदर्शन किया। लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने ये मुद्दा उठाते हुए मामले की व्यापक जांच कराने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग केंद्र सरकार से की। साथ ही कई दलों के सदस्यों ने अपनी बात रखी।
परिवारों का दुख और गुस्सा
लोकसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भाजपा की सदस्य बांसुरी स्वराज ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में नाले का पानी भर जाने से तीन छात्रों को अपनी जान गंवानी पड़ी। दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण इन बच्चों ने जान गंवा दी। एक दशक से आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता में है लेकिन दिल्लीवासियों के लिए कोई काम नहीं कर रही।’
जान गंवाने वाले तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों में से एक, नवीन दलविन का शव सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवार को सौंप दिया गया। दलविन का शव उनके चाचा लिनु राज को सौंप दिया गया। अन्य दो छात्राओं – श्रेया यादव और तान्या सोनी – के शव रविवार को उनके परिजनों को सौंप दिए गए थे। दलविन के चाचा राज ने कहा, ‘हम मुआवजे का क्या करेंगे? दलविन वापस नहीं आएगा। हम बस इतना चाहते हैं कि कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में युवाओं की जान न जाए।’
यह घटना दिल्ली में प्रशासनिक लापरवाही और अवैध निर्माण के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी है। अब सभी की निगाहें गृह मंत्रालय की जांच कमेटी और दिल्ली सरकार पर हैं कि वे इस त्रासदी के बाद किस तरह की कार्रवाई करते हैं।