भारत की प्रति व्यक्ति आय विश्व में सबसे ज्यादा होने की उम्मीद, खाने के मामले में चीन को पछाड़ेंगे भारतीय: OECD-FAO रिपोर्ट
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 जुलाई। अगले दशक में अतिरिक्त वैश्विक खपत में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की होगी, जिसमें से आधा हिस्सा भारत का होगा।
वार्षिक प्रति व्यक्ति GDP(सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि)- प्रति व्यक्ति आय वृद्धि दर
भारत
2014-23: 3.90%
2024-33: 5.40%
चीन
2014-23: 5.40%
2024-33: 3.70%
उत्तरी अमेरिका
2014-23: 1.40%
2024-33: 1.20%
निकट पूर्व और उत्तरी अफ्रीका
2014-23: -0.20%
2024-33: 1.20%
दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया
2014-23: 2.60%
2024-33: 3.90%
विकसित और पूर्वी एशिया
2014-23: 3.10%
2024-33: 2.80%
यूरोप और मध्य एशिया
2014-23: 1.40%
2024-33: 1.60%
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन
2014-23: -0.90%
2024-33: 1.60%
उप-सहारा अफ्रीका
2014-23: -0.40%
2024-33: 0.90%
विश्व
2014-23: 1.20%
2024-33: 1.50%
भारत की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की दर 2024-33 के दौरान विश्व में सबसे ज्यादा 5.4 फीसदी सालाना रह सकती है। इससे भारत व अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अगले दशक में कृषि व मत्स्य उत्पादों की वैश्विक खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी।
■ ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कोऑपरेशन ऐंड डेवलपमेंट (OECD) और कृषि एवं खाद्य संगठन (FAO) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
■ भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों का वैश्विक खाद्य व कृषि खपत में असर बढ़ेगा। इन देशों में शहरी आबादी बढ़ने, तकनीकी उन्नति के कारण उत्पादन बढ़ने और आय का स्तर बढ़ने, चीन के घटते असर से आगे बढ़ने के कारण कृषि के वैश्विक तौर-तरीके में बदलाव होगा।
■ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इसके पहले के दशक में वैश्विक खपत की वृद्धि में चीन की हिस्सेदारी 28 फीसदी रही है, वहीं आने वाले दशक में उसकी हिस्सेदारी घटकर 11 फीसदी रह जाने की संभावना है।
■ पोषण के तौर- तरीके में स्थिरता आने, आमदनी सुस्त होने और आबादी में गिरावट के कारण ऐसा अनुमान है। इसके विपरीत भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों की वैश्विक खपत की वृद्धि में हिस्सेदारी 2033 तक बढ़कर 31 फीसदी हो जाने की उम्मीद है।
इसके अलावा अगले दशक में अतिरिक्त वैश्विक खपत में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की होगी, जिसमें से आधा हिस्सा भारत का होगा। भारत की जीडीपी वृद्धि इस समय करीब 6.5 से 7 फीसदी है।