लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर 18% GST से राहत की उम्मीद? नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1अगस्त। मोदी सरकार 3.0 के बजट 2024 से देश की आम जनता को महंगाई से राहत की उम्मीद थी, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए लोगों को एक बार फिर बड़ा झटका दिया। बजट पर विपक्ष की तीखी आलोचना के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री से लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी हटाने की मांग की है।

जीएसटी पर राहत की मांग
नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में नागपुर डिवीजन जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ की चिंताओं को उठाया। संघ ने उन्हें बीमा उद्योग से संबंधित मुद्दों पर एक ज्ञापन सौंपा था। गडकरी ने अपने पत्र में कहा कि वर्तमान में जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जो जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है।

प्रीमियम पर कर लगाने की आलोचना
गडकरी ने कहा, “जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने जैसा है। संघ का मानना है कि जो व्यक्ति परिवार को सुरक्षा देने के लिए जीवन की अनिश्चितताओं का जोखिम कवर करता है, उस पर प्रीमियम पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए।”

जीएसटी की बढ़ती समस्या
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, गडकरी ने कहा कि चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी व्यवसाय के इस क्षेत्र की वृद्धि में बाधक साबित हो रहा है। उन्होंने जीएसटी को वापस लेने की मांग की और जीवन बीमा के माध्यम से बचत के लिए विशेष उपचार, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर आयकर कटौती को फिर से शुरू करने और सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के एकीकरण से संबंधित मुद्दे भी उठाए हैं।

पत्र में अंतिम अनुरोध
पत्र में गडकरी ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया कि जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करें, क्योंकि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए बोझिल हो जाता है। उन्होंने उचित सत्यापन के साथ अन्य प्रासंगिक बिंदुओं को भी उठाया है।

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