मोदी सरकार संकट की घड़ी में केरल की जनता व सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी है- गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1अगस्त। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में केरल के वायनाड में भूस्खलन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की। चर्चा के दौरान अमित शाह ने इस घटना में जान गंवाने और घायल होने वाले सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आपदा के इस समय में नरेंद्र मोदी सरकार केरल की जनता और राज्य सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से बचाव, राहत और पुनर्वास के लिए हरसंभव मदद और प्रयास किए जा रहे हैं।

सरकार की प्रतिबद्धता
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले भारत में आपदा के प्रति बचाव-केन्द्रित अप्रोच थी, लेकिन 2014 के बाद मोदी सरकार ने ज़ीरो कैज़ुअल्टी अप्रोच के साथ काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकारों की ज़िम्मेदारी है कि वे केन्द्र द्वारा भेजी गई सूचनाओं के अनुसार लोगों को समय से पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं। श्री शाह ने कहा कि भारत सरकार ने इस आपदा के समय में बचाव कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी है और प्रधानमंत्री मोदी स्वयं नियंत्रण कक्ष से लगातार जानकारी ले रहे हैं।

अर्ली वॉर्निंग और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी
राज्यसभा में इसी विषय पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने बताया कि आपदा से 7 दिन पहले 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से अर्ली वॉर्निंग दे दी गई थी। इसके बाद 24 और 25 तारीख को भी अर्ली वॉर्निंग दी गई थी। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को केरल सरकार को बताया गया कि 20 सेंटीमीटर से अधिक भारी वर्षा होगी और भूस्खलन की संभावना है जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है। अमित शाह ने कहा कि यदि आरोप लगाने वालों ने अर्ली वॉर्निंग को गंभीरता से लिया होता तो इस तरह की स्थिति न आती।

अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और उसकी उपयोगिता
अमित शाह ने बताया कि देश में कई राज्य सरकारें ऐसी हैं जिन्होंने इस प्रकार की अर्ली वॉर्निंग का उपयोग कर ज़ीरो कैज़ुअल्टी डिज़ास्टर मैनेजमेंट किया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में 7 दिन पहले साइक्लोन अलर्ट भेजा गया था और वहां सिर्फ एक व्यक्ति की गलती से जान गई। गुजरात में 3 दिन पहले अलर्ट भेजा गया और वहां एक पशु की भी जान नहीं गई।

आपदा प्रबंधन में केंद्र का योगदान
अमित शाह ने कहा कि 2014 के बाद से भारत सरकार ने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम पर 2000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और यह जानकारी साझा की जाती है। उन्होंने कहा कि 7 दिन पहले सभी राज्यों को सूचना भेजी जाती है और वह सूचना वेबसाइट पर सभी के लिए उपलब्ध है।

अर्ली वॉर्निंग सिस्टम की जानकारी
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वर्षा, हीटवेव, तूफान, चक्रवात और बिजली गिरने की सूचना देने के लिए अर्ली वॉर्निंग सिस्टम मौजूद है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अगर अर्ली वॉर्निंग सिस्टम की जानकारी का अभाव है तो यह गलत है, लेकिन जानकारी होते हुए भी राजनीति करना दुखद है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने इसका उपयोग किया है और इसके सकारात्मक परिणाम भी आए हैं।

NDRF की तैनाती और राज्य सरकार की भूमिका
अमित शाह ने बताया कि उन्हीं के अनुमोदन से भारत सरकार द्वारा 23 जुलाई को 9 NDRF की टीमें केरल के लिए विमान से भेजी गई थीं, क्योंकि वहां भूस्खलन होने की संभावना थी। उन्होंने पूछा कि केरल सरकार ने वहां रह रहे वल्नरेबल लोगों को शिफ्ट क्यों नहीं किया, क्योंकि अगर शिफ्ट किया गया होता तो इतने लोगों की जान नहीं जाती।

भारत की अर्ली वॉर्निंग प्रणाली
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम भारत में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की आपदा का 7 दिन पहले अनुमान देने वाले चार देशों में भारत शामिल है।

राज्यों की सहायता के लिए वित्तीय प्रावधान
अमित शाह ने कहा कि SDRF के तहत कोई भी राज्य 10 प्रतिशत राशि अपने हिसाब से जारी कर सकता है और भारत सरकार के दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए बिना किसी मंजूरी के 100 प्रतिशत राशि को जारी कर सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए 2014 से 2024 तक 6,244 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 4,619 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए हैं।

केरल के लिए केंद्र का समर्थन
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 7 दिन पहले अर्ली वॉर्निंग दे दी गई थी और 23 जुलाई को NDRF की 9 बटालियन भेज दी गई थीं और 3 बटालियन कल रवाना की गई हैं। उन्होंने कहा कि यह समय केरल सरकार और वहां की जनता के साथ खड़ा रहने का है। श्री शाह ने दोहराया कि इस संकट की घड़ी में नरेंद्र मोदी सरकार केरल की जनता और सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।

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