समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4अगस्त। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) द्वारा आयोजित 14वें भारतीय अंगदान दिवस समारोह के अवसर पर अंगदान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति और संस्था के सम्मिलित प्रयासों से ही भारत अंगदान और प्रत्यारोपण में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बनने के अपने सपने को साकार कर सकता है।” इस कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल भी उपस्थित थे।
अंगदान की बढ़ती आवश्यकता
पटेल ने अंगदान की बड़ी आवश्यकता को पूरा करने के लिए मृत लोगों और “ब्रेन स्टेम डेड” लोगों से अंगदान को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने अंगदान के महत्व पर विशेष जोर दिया है कि एक अंगदाता 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है।” पटेल ने मृतक अंगदाताओं के परिवारों की सराहना की और उन्हें पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
भारत की उपलब्धियां और चुनौतियां
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्पेन, अमेरिका, और चीन जैसे देश अंगदान में आगे हैं, लेकिन भारत ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि प्रत्यारोपित होने से पहले कोई अंग बर्बाद न हो, इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
मुख्य अतिथि डॉ. विनोद कुमार पॉल ने अंगों की मांग और आपूर्ति के बीच भारी अंतर पर प्रकाश डाला। उन्होंने अंग प्रत्यारोपण की चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए सरकारी अस्पतालों में संस्थागत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि अंग प्रत्यारोपण सेवाएं प्रदान करने वाले केवल 750 संस्थान हैं और अन्य संस्थानों को भी इस दिशा में आगे आने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. पॉल ने बताया कि किडनी प्रत्यारोपण को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत शामिल किया गया है। उन्होंने बीमा कंपनियों से भी अंग प्रत्यारोपण को कवर करने का आह्वान किया। उन्होंने “एक राष्ट्र, एक नीति” जैसे प्रयासों की प्रशंसा की, जिसने अंग प्रत्यारोपण में निवास और आयु संबंधी बाधाओं को दूर किया। उन्होंने अंगदाताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने संबोधन को समाप्त किया।
जागरूकता और प्रेरणा
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री अपूर्व चंद्रा ने अंग दान के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अंग प्रत्यारोपण में तीसरे स्थान पर है, लेकिन अधिकतर अंगदान परिवार के सदस्यों द्वारा ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि अंग दान के लिए लोगों को पंजीकरण करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।
श्री चंद्रा ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रत्यारोपित होने से पहले कोई अंग बर्बाद न हो, इसके लिए प्रणाली को मजबूत करना होगा। उन्होंने बताया कि ब्रेन-डेड व्यक्ति मिलने पर हमें 12 घंटों में अंग निकालने होते हैं, इसलिए प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
पुरस्कार और सम्मान
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने मृतक अंगदाताओं के 10 परिवारों को उनके प्रियजनों के अंगदान के साहसिक निर्णय के लिए सम्मानित किया। साथ ही अंगदान के चार प्राप्तकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। विभिन्न राज्यों, संस्थानों और संगठनों को अंगदान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।
सर्वश्रेष्ठ आरओटीटीओ पुरस्कार: आरओटीटीओ नॉर्थ-पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़
सर्वश्रेष्ठ एसओटीटीओ/राज्य का पुरस्कार: तेलंगाना
दूसरा सर्वश्रेष्ठ एसओटीटीओ/राज्य का पुरस्कार: तमिलनाडु और कर्नाटक
सर्वश्रेष्ठ उभरते राज्य (पूर्वोत्तर): मणिपुर
उभरते राज्यों का पुरस्कार: आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर
सर्वश्रेष्ठ गैर-प्रत्यारोपण अंग पुनर्प्राप्ति केंद्र: सिविल अस्पताल, अहमदाबाद
उभरते एनटीओआरसी: कमांड अस्पताल, चांदमंदिर; डॉ. राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज, हिमाचल प्रदेश
सर्वश्रेष्ठ जागरूकता/आईईसी गतिविधियों वाला राज्य: राजस्थान
सर्वाधिक मृतक दान वाला निजी अस्पताल: यशोदा अस्पताल, सिकंदराबाद
विशेष पुरस्कार: सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली; केईएम अस्पताल, मुंबई
सर्वश्रेष्ठ ब्रेन स्टेम डेथ सर्टिफिकेशन टीम: पश्चिम – न्यू सिविल अस्पताल, सूरत; उत्तर- एआईआईएमएस, दिल्ली; दक्षिण – केआईएमएस, सिकंदराबाद; पूर्व- आईपीजीएमईआर, कोलकाता
जागरूकता अभियान और पहल
इस कार्यक्रम में एनओटीटीओ के निदेशक डॉ. अनिल कुमार, दिल्ली पुलिस के जवान, अंग प्राप्तकर्ता, छात्र और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। एक ई-न्यूज़लेटर, एनओटीटीओ की वार्षिक रिपोर्ट और अंग परिवहन मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का परिचय देने वाली एक पुस्तिका भी लॉन्च की गई।
आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत, वर्ष 2023 में पूरे देश में “जन आंदोलन” के रूप में “अंगदान महोत्सव” का आयोजन किया गया। जुलाई का महीना अंगदान माह के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष “अंगदान जन जागरूकता अभियान” के तहत देश भर में शहर से लेकर गांव स्तर तक जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया।
केंद्र सरकार अंग और ऊतक दान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” में अंगदान के महत्व पर विशेष जोर दिया है।
भारतीय अंगदान दिवस का महत्व
भारतीय अंगदान दिवस (आईओडीडी) 2010 से हर साल मनाया जाता है, ताकि ब्रेन स्टेम डेथ और अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। अंगदान से जुड़े मिथकों एवं गलत धारणाओं को दूर कर, देश के नागरिकों को मृत्यु के बाद अंग एवं ऊतक दान करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
दान किया गया प्रत्येक अंग कीमती और जीवनरक्षक होता है। एक व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद किडनी, लीवर, फेफड़े, हृदय, अग्न्याशय और आंत जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान करके 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है। इसके अलावा, कॉर्निया, त्वचा, हड्डी और हृदय वाल्व जैसे ऊतकों का दान करके कई और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में जानकारी के लिए एनओटीटीओ की वेबसाइट www.notto.mohfw.gov.in पर जा सकते हैं या टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर 180114770 पर कॉल कर सकते हैं।
इस वर्ष “अंगदान जन जागरूकता अभियान” के तहत देश भर में जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय और राज्य सरकारों, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं राज्य अंग और ऊतक नेटवर्किंग संगठनों, अस्पतालों, संस्थानों और अन्य हितधारकों को शामिल किया गया। नागरिकों को अंग और ऊतक दान के लिए प्रतिज्ञा लेने के लिए वेब पोर्टल की शुरुआत की गई, जिससे 1.7 लाख से अधिक नागरिकों ने प्रतिज्ञा ली है।
यह पहल भारत को अंगदान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हर व्यक्ति और संस्था के सहयोग से, भारत इस दिशा में नए आयाम स्थापित कर सकता है।