समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 अगस्त। दिल्ली एनसीआर में पिछले 33 वर्षों से राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित संस्था राजस्थानी अकादमी ने 5 अगस्त 2024 को बीकानेरवाला, गुरुग्राम में अपने सदस्यों के लिए तीज 2024 मनाई। स्वर्गीय श्री आर.एन. लखोटिया जी के आशीर्वाद और सिद्धांतों के साथ आयोजित यह कार्यक्रम राजस्थानी विरासत का जीवंत प्रदर्शन था।
इस समारोह में विभिन्न आकर्षण शामिल थे, जिसमें संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा पेशेवर राजस्थानी नृत्य प्रदर्शन, मेहंदी, गजरा, पारंपरिक तीज झूला और उपहार शामिल थे। माहौल राजस्थानी संगीत, नृत्य और बीकानेरवाला की स्वादिष्ट चाट से भरा हुआ था, जिसने सभी को उत्सव की भावना में एक साथ ला दिया।
इस कार्यक्रम में मॉरीशस और वेनेजुएला के राजदूत, किर्गिस्तान के राजदूत की पत्नी, घाना और नाइजर के राजनयिक और कोमोरोस संघ के महावाणिज्यदूत जैसे सम्मानित अतिथि मौजूद थे। सभी ने राजस्थानी संगीत की धुन पर थिरकते हुए जश्न मनाया।
उदयपुर से माननीय सांसद (राज्यसभा) श्री चुन्नी लाल ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। राजस्थानी अकादमी के अध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और 8 अक्टूबर 2024 को कमानी ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाली वार्षिक 32वीं राजस्थानी लोक नृत्य प्रतियोगिता (अंतर-विद्यालय) की घोषणा की।
अकादमी की सचिव सुमन माहेश्वरी ने कार्यक्रम का शानदार संचालन किया और अपनी मधुर कविताओं से लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। बीकानेरवाला के नवरतन अग्रवाल को बीकानेरवाला सेक्टर 29, गुरुग्राम में कार्यक्रम की मेजबानी करने और उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए खूब प्रशंसा मिली।
कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले विशिष्ट अतिथियों और सदस्यों में सीए संदीप गोयल, राजीव मित्तल, लायन कपिल खंडेलवाल, पी.एस. ढींगरा, रामावतार किला, जी.एन. भट्ट, प्रशांत शर्मा शामिल थे।
मलिका बेग और टीम ओल दैट जैज, सुश्री पूनम मुद्रा कथक स्टूडियो के छात्रों के साथ, कलाकार नमिता, देवांश और अभिषेक खंडेलवाल ने विभिन्न संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ऋचा मेहता ने राजस्थानी फैशन वॉक के अपने क्यूरेशन के साथ राजस्थानी संस्कृति को प्रदर्शित किया, जिसमें सभी उम्र की महिलाओं को रैंप पर चलने और जीवंत राजस्थानी संस्कृति को प्रदर्शित करने का अवसर मिला।
तीज उत्सव एक मजेदार कार्यक्रम था, जिसने समुदाय को एक साथ लाकर राजस्थानी संस्कृति का जश्न खुशी और उत्साह के साथ मनाया।