समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10अगस्त। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल से उनकी रिहाई भी हो गई। करीब 17 महीने जेल में रहने के बाद सिसोदिया को रिहा किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज उनकी जमानत याचिका पर बड़ा फैसला सुनाते हुए उन्हें जमानत दी।
जेल से बाहर आने के बाद भावुक हुए सिसोदिया
तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद मनीष सिसोदिया ने भावुक होते हुए कहा, “मैं और मेरा रोम-रोम बाबा साहब का ऋणी है।” सिसोदिया को जेल से बाहर आते देख बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ता नज़र आए, जिन्होंने जोरदार नारों के साथ उनका स्वागत किया। पूर्व डिप्टी-सीएम अपनी गाड़ी से लोगों का अभिवादन करते हुए नजर आए।
अंत में केवल सत्य की जीत होती है: सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा, “तानाशाही से जेल में डाला, संविधान ने बचाया। हमने संविधान के माध्यम से इस कानूनी लड़ाई को तार्किक अंजाम तक पहुंचाया है। अंत में, केवल सत्य की जीत होती है।” दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर ‘टीम केजरीवाल’ ने एक पोस्ट में कहा, “आज सत्य की जीत हुई है।”
अदालत ने इन शर्तों पर दी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 3 शर्तों पर जमानत दी है। पहली शर्त के तहत उन्हें 10 लाख रुपए का मुचलका भरना होगा। दूसरी शर्त के अनुसार, उन्हें दो जमानतदार पेश करने होंगे। तीसरी शर्त यह है कि सिसोदिया को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा और सोमवार और गुरुवार को थाने में हाजिरी भी लगानी होगी।
किन आरोपों के चलते गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया?
मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने दिल्ली की शराब नीति में हुई गड़बड़ी की जांच के आधार पर गिरफ्तार किया था। इसके बाद 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें सीबीआई कस्टडी से गिरफ्तार किया। उनकी कई याचिकाएं ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में खारिज हुई थीं, लेकिन शुक्रवार को उन्हें जमानत मिल गई।