अमेरिकी शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति पर अडानी से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी का आरोप

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11अगस्त। अमेरिकी शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति पर अडानी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी होने का आरोप लगाया है। हालांकि, सेबी प्रमुख ने इन आरोपों को पूरी तरह से आधारहीन बताया है। इसके साथ ही, अडानी ग्रुप ने भी हिंडनबर्ग के आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उनके समूह का सेबी प्रमुख के साथ कोई कारोबारी संबंध नहीं है।

हिंडनबर्ग ने अपनी शनिवार की रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है जिसका उपयोग अडानी ग्रुप में कथित धन की हेराफेरी के लिए किया गया। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि बुच और उनके पति के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी थी जिसका उपयोग अडानी समूह की कंपनियों की शेयर कीमतों को बढ़ाने और धन की हेराफेरी करने के लिए किया गया।

कांग्रेस ने इस मामले को लेकर केंद्र से मांग की है कि अडानी ग्रुप की नियामक जांच में सभी हितों के टकराव को समाप्त किया जाए और एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित कर घोटाले की पूरी जांच की जाए। विपक्षी दल ने इस मुद्दे की गहन जांच की भी मांग की है।

अडानी ग्रुप का स्पष्टिकरण
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा कि रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों या मामलों का उल्लेख किया गया है, उनसे उनके समूह का कोई भी कमर्शियल संबंध नहीं है। ग्रुप ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और उनका विदेशी होल्डिंग का ढांचा पूरी तरह पारदर्शी है।

सेबी चेयरपर्सन का बयान
सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति ने संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और उनके जीवन और वित्तीय स्थिति के सभी आवश्यक खुलासे पहले ही सेबी को प्रदान किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसे सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है, अब उन्हें घेरने और चरित्र हनन का प्रयास कर रहा है।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सेबी ने अडानी के विदेशी मुखौटा इकाइयों की जांच में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई और रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेबी की वर्तमान प्रमुख बुच और उनके पति के पास अडानी समूह में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट विदेशी कोष में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन विदेशी कोषों का उपयोग अडानी समूह की शेयर कीमतों को बढ़ाने और धन की हेराफेरी के लिए किया गया था।

18 महीने पहले के आरोप
पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसे अडानी समूह ने बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया था। अडानी ग्रुप ने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट उसकी शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर तैयार की गई थी और इसकी सामग्री भारत की अदालतों द्वारा भी खारिज की जा चुकी है।

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