समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12अगस्त। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं है और प्रदर्शनकारी किसानों को तुरंत अपने ट्रैक्टर हटाने चाहिए।
शंभू बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से किसान धरना दे रहे हैं, जहां उन्हें “दिल्ली चलो” मार्च के दौरान रोका गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 12 अगस्त को बॉर्डर को खोलने के लिए पंजाब और हरियाणा के पुलिस प्रमुखों को पड़ोसी पटियाला और अंबाला जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ एक हफ्ते के भीतर बैठक करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने पंजाब सरकार से किसानों को ट्रैक्टर हटाने के लिए राजी करने को भी कहा है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भूइयां की पीठ ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर सड़क को आंशिक रूप से खोलने की आवश्यकता है ताकि एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्रों और स्थानीय लोगों की आवाजाही सुनिश्चित हो सके। अदालत ने स्पष्ट किया कि हाईवे को पार्किंग स्थल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं, और सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राज्य सरकार को एक हफ्ते के अंदर अंबाला के पास शंभू बॉर्डर से अवरोधक हटाने का आदेश दिया गया था।