डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर की लिथियम क्षमता में अन्वेषण और उद्योग सहयोग में तेजी की मांग की

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अगस्त। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) की अंतर-मंत्रालयी बैठक में जम्मू-कश्मीर में लिथियम अन्वेषण को तेजी से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह बैठक कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी की अध्यक्षता में आयोजित हुई थी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम खनिज भंडार की खोज में तेजी लाने की मांग की, जो भारत की खनन अर्थव्यवस्था और समग्र आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि इस अन्वेषण कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए सभी आवश्यक समर्थन प्रदान किया जाना चाहिए। डॉ. सिंह ने किश्तवाड़ में नीलम पार्क की परियोजना में हो रही देरी का भी जिक्र किया और इसे शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया।

केंद्रीय खनन सचिव, वी एल कांत राव ने डॉ. सिंह को आश्वासन दिया कि लिथियम अन्वेषण कार्य में तेजी लाई जाएगी और अगले कुछ महीनों में इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने एनएमईटी टीम को पिछले वित्त वर्ष में लगभग 300 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड खर्च के लिए बधाई दी, जो देश में विभिन्न अन्वेषण परियोजनाओं के वित्तपोषण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एनएमईटी अपने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से खनिज अन्वेषण के लिए उत्प्रेरक का काम कर रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह, जो कि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री भी हैं, ने “महत्वपूर्ण खनिज मिशन” के शुभारंभ पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह मिशन घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण और विदेशी अधिग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

परमाणु ऊर्जा मंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने एनएमईटी द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण को बढ़ावा देने और खनन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की योजनाओं की सराहना की। उन्होंने खनन मंत्री जी किशन रेड्डी को आश्वासन दिया कि डीएई की ओर से सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी, और एएमडी द्वारा वर्षों से किए गए बेसलाइन सर्वेक्षणों और रिपोर्टों को साझा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे महत्वपूर्ण खनिज मिशन में तेजी लाई जा सके।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रारंभिक उद्योग लिंकेज के साथ पीपीपी मॉडल को अपनाने से खनन क्षेत्र में स्टार्टअप्स का प्रवेश होगा, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इस क्षेत्र को अधिक सतत बनाया जा सकेगा। डॉ. सिंह ने खनन क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खनन मंत्री के विचार का समर्थन किया।

बैठक में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने अध्यक्षता की, जबकि कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे, और विभिन्न राज्यों के मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।

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