अशांत बांग्लादेश में हिंसा और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार टीम करेगी जांच
बांग्लादेश, 17अगस्त। बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रम और सत्ता परिवर्तन के बाद देश में व्यापक हिंसा और अराजकता का माहौल बन गया है। इस अशांत स्थिति में सैकड़ों लोगों की जानें गईं और हजारों लोग घायल हुए। विशेष रूप से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर अत्याचार की खबरें सामने आ रही हैं, जिसमें उनके घरों और मंदिरों पर हमले किए गए हैं।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की एक मानवाधिकार टीम अगले हफ्ते बांग्लादेश का दौरा करने जा रही है। टीम बांग्लादेश में हाल में हुई हिंसा के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन की अंतरिम सरकार की जांच के लिए ढाका में सरकार के साथ बैठक करेगी। इस दौरे के दौरान, मानवाधिकार हनन की जांच के तौर-तरीकों पर चर्चा की जाएगी और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।
सहायता और जवाबदेही पर चर्चा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने बांग्लादेश को दी जाने वाली सहायता और जवाबदेही के मुद्दे पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघनों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच पहली प्राथमिकता होगी।
हिंदुओं पर हमले और मंदिरों की तोड़फोड़
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हिंदुओं और उनके मंदिरों पर बड़े पैमाने पर हमले हुए हैं। 5-6 अगस्त को बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों पर हमले किए गए, जिनमें लूटपाट और तोड़फोड़ की घटनाएं शामिल थीं। कई मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया, जिसमें खुलना डिवीजन के मेहरपुर में मौजूद इस्कॉन मंदिर को तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई।
मानवाधिकारों की सुरक्षा का वादा
बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार की आधारशिला मानवाधिकार हैं और हर नागरिक की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र से सहयोग मांगा है।
संयुक्त राष्ट्र की इस जांच से यह उम्मीद की जा रही है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर रोक लगेगी और देश में शांति और सुरक्षा बहाल होगी।