सुखेंदु शेखर रे ने एक ट्वीट में इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करवाने की मांग की थी, जो इस समय मामले की जांच कर रही है। रे ने ट्वीट किया, “सीबीआई को निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए। पूर्व प्रिंसिपल और पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है, ताकि पता चल सके कि आत्महत्या की कहानी किसने और क्यों फैलाई? हॉल की दीवार क्यों गिराई गई, रॉय को इतना शक्तिशाली बनाने के लिए किसने संरक्षण दिया? 3 दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया? ऐसे सैकड़ों सवाल हैं, उन्हें बोलने दीजिए।”
पुलिस ने इसी पोस्ट को लेकर रे को नोटिस जारी किया है। पुलिस का दावा है कि रे ने अपने ट्वीट में अपराध स्थल पर खोजी कुत्तों के तैनात किए जाने के संबंध में “गलत सूचना” दी थी। कोलकाता पुलिस ने अपने बयान में कहा, “यह सूचना कि खोजी कुत्ते को तीन दिन बाद भेजा गया था, पूरी तरह से गलत है। खोजी कुत्ते को दो बार भेजा गया था, 9 तारीख को और फिर 12 तारीख (अगस्त) को। सुखेंदु शेखर रे को बीएनएस की धारा 35(1) के तहत नोटिस भेजा गया है।”
इस घटनाक्रम से राज्य की राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, और इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच तनातनी बढ़ सकती है।