समग्र समाचार सेवा
जम्मू-कश्मीर, 18 अगस्त। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के पांच साल बाद राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा की गई है। इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला कार्य अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करना होगा।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद हमारी विधानसभा इस क्षेत्र से राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा छीनने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी।”
यह बयान केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव कराने की घोषणा के बाद आया है। राज्य में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को की जाएगी। इससे पहले नवंबर-दिसंबर 2014 में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसके बाद बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में इस सरकार के पतन के बाद से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
उमर अब्दुल्ला ने पहले भी कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस नहीं मिल जाता, तब तक वह चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। हालांकि, उनके पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
उमर अब्दुल्ला के इस बयान से जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों की दिशा और माहौल पर बड़ा असर पड़ सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया होगी।