उत्तर प्रदेश उपचुनाव से पहले बीजेपी का सदस्यता अभियान: सांसदों-विधायकों की सक्रियता का होगा आंकलन

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समग्र समाचार सेवा
उत्तर प्रदेश, 23 अगस्त। उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत करने के लिए एक व्यापक सदस्यता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत पार्टी ने सभी सांसदों, विधायकों, मेयर और पार्षदों को जिम्मेदारी सौंपी है, जिसके तहत उन्हें नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है।

मंगलवार को लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता अभियान कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें पार्टी ने तीन करोड़ नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा है। पार्टी ने प्रत्येक सांसद को 20,000, विधायकों को 10,000, महापौरों को 20,000, नगर पालिका अध्यक्षों को 5,000, नगर पंचायत अध्यक्षों को 2,000 और निगम पार्षदों को 1,000 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया है।

सांसदों-विधायकों की सक्रियता पर नजर

बीजेपी का यह अभियान केवल सदस्यता बढ़ाने का जरिया नहीं है, बल्कि इसे सांसदों और विधायकों की लोकप्रियता और उनकी क्षेत्रीय सक्रियता का आकलन करने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। जितने ज्यादा सदस्य नेता जोड़ेंगे, उतना ही क्षेत्र में उनकी हैसियत और जनाधार का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके साथ ही इस अभियान की नियमित मॉनिटरिंग भी की जाएगी ताकि नेताओं की सक्रियता और उनकी पहुंच का सही मूल्यांकन हो सके।

पार्टी का ध्यान पिछड़े और दलित वर्ग पर          

इस अभियान के तहत बीजेपी खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पिछड़े और दलित समाज के लोगों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसका उद्देश्य प्रदेश के जातीय समीकरण को साधना है, क्योंकि हाल के लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन ने बीजेपी के इस वोट बैंक में सेंध लगाई थी। विपक्ष लगातार इन समुदायों के मुद्दों को उठाकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करता है, इसलिए बीजेपी का फोकस इन वर्गों को मजबूत करने पर है।

बीजेपी की सदस्यता कैसे लें?

इस अभियान के तहत कोई भी व्यक्ति बीजेपी से जुड़ने के लिए एक मिस्ड कॉल देकर या क्यूआर कोड, नमो एप और बीजेपी की वेबसाइट पर जाकर सदस्य बन सकता है। पार्टी ने इसके लिए 8800002024 नंबर जारी किया है, जिस पर 1 सितंबर से कॉल करके सदस्यता ली जा सकती है।

बीजेपी का यह सदस्यता अभियान उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे न केवल पार्टी का जनाधार बढ़ेगा बल्कि पार्टी के नेता भी जमीनी स्तर पर सक्रिय रहेंगे।

 

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