प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक यूक्रेन दौरा: भारत-यूक्रेन संबंधों में नया अध्याय

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,23अगस्त। 23 अगस्त, शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव में कदम रखा, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का यूक्रेन का पहला आधिकारिक दौरा है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा हुआ है। इस ऐतिहासिक यात्रा का उद्देश्य न केवल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है, बल्कि वैश्विक राजनीति और सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में भारत की भूमिका को भी परिभाषित करना है।

युद्ध के बीच शांति की पहल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि में हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, इस युद्ध ने यूक्रेन को गंभीर मानवीय और आर्थिक संकटों में धकेल दिया है। मोदी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता को प्रोत्साहित करना और भारत की तटस्थ भूमिका के माध्यम से दोनों देशों के बीच शांति स्थापना की दिशा में एक पुल का निर्माण करना है। भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने शांति प्रयासों के माध्यम से इस संघर्ष को खत्म करने का आह्वान किया है, जो वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय संबंधों का सुदृढ़ीकरण

यूक्रेन की इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार, रक्षा सहयोग, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग शामिल हैं। भारत और यूक्रेन के बीच पहले से ही शिक्षा, चिकित्सा, और आईटी के क्षेत्र में मजबूत संबंध हैं। इस दौरे के माध्यम से इन संबंधों को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत की विदेश नीति के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। रूस और यूक्रेन के बीच तटस्थ रहते हुए, भारत ने हमेशा से शांति और कूटनीति की वकालत की है। मोदी का यह दौरा वैश्विक मंच पर भारत की छवि को और मजबूत करेगा, जो एक तटस्थ और शांति समर्थक राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। भारत का यह रुख न केवल उसे पश्चिमी और यूरोपीय देशों के बीच सम्मान दिला रहा है, बल्कि रूस के साथ भी उसके संबंधों को संतुलित रख रहा है।

भारत के लिए रणनीतिक महत्त्व

यूक्रेन की यात्रा भारत के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यूक्रेन, यूरोप और रूस के बीच स्थित है, और उसकी भौगोलिक स्थिति उसे एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बनाती है। इस दौरे के माध्यम से, भारत ने यूक्रेन के साथ अपने राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का संकेत दिया है, जो कि ऊर्जा सुरक्षा, रक्षा सहयोग, और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा न केवल भारत-यूक्रेन संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ता है, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि भारत वैश्विक मुद्दों पर सक्रिय रूप से भाग ले रहा है और अपनी भूमिका को व्यापक बना रहा है। भारत और यूक्रेन के बीच सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज और पुराने संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में यह दौरा एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

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