आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाकर ASL श्रेणी में की गई

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28th अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अलर्ट के बाद, उनकी सुरक्षा को Z प्लस श्रेणी से बढ़ाकर एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) श्रेणी में कर दिया गया है। पहले भागवत को Z प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी।

नए सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत, भागवत की सुरक्षा सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) द्वारा की जाएगी। ASL सुरक्षा के तहत, सीआईएसएफ की टीम अब उन स्थानों पर पहले से मौजूद रहेगी जहां मोहन भागवत की उपस्थिति होनी है।

ASL सुरक्षा क्या होती है?

ASL (एडवांस सिक्योरिटी लाइजन) सुरक्षा में एक बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा होता है, जिसमें विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों के माध्यम से यात्रा की जाती है। इस सुरक्षा के लिए तयशुदा प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, और जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, और अन्य स्थानीय एजेंसियों को सुरक्षा से संबंधित जानकारी प्रदान की जाती है। ASL सुरक्षा में सुरक्षा घेरा, सख्त तोड़फोड़ विरोधी उपाय, और दौरे से पहले समीक्षा और रिहर्सल शामिल होते हैं।

Z प्लस सुरक्षा क्या होती है?

Z प्लस सुरक्षा को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को जून 2015 में प्रदान किया गया था, जिसमें 55 कमांडो तैनात होते हैं। यह सुरक्षा श्रेणी सबसे उच्चतम मानी जाती है और इसमें सुरक्षा प्रदान करने वाले जवानों की ट्रेनिंग अत्यंत सख्त होती है। ये जवान नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के कमांडो होते हैं, जिनका चयन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में किया जाता है। भारत में सुरक्षा की चार श्रेणियाँ होती हैं: X, Y, Z, और Z प्लस, जिसमें Z प्लस सबसे उच्चतम श्रेणी होती है।

सरकार द्वारा सुरक्षा उन व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जिन्हें किसी प्रकार का खतरा होता है, और सुरक्षा एजेंसियां व्यक्ति की जान के खतरे के आधार पर सुरक्षा का निर्णय करती हैं।

 

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