पीलीभीत में बीजेपी विधायक के पिता और पूर्व मंत्री ने उठाई अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज, मायावती को बताया बेहतर सीएम

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शशि झा

नई दिल्ली,28अगस्त। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक विवेक वर्मा के पिता और पूर्व मंत्री ने अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने एक सार्वजनिक मंच से राज्य की मौजूदा बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की तारीफ की और उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए बेहतर विकल्प बताया। यह बयान बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब पार्टी राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

क्या कहा पूर्व मंत्री ने?

पूर्व मंत्री ने एक जनसभा के दौरान कहा कि मौजूदा सरकार ने राज्य के लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं किया है। उन्होंने सरकार की नीतियों और योजनाओं की आलोचना करते हुए कहा कि जनता के मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है और केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने मायावती के शासन की सराहना करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर थी और विकास के कार्य तेजी से हो रहे थे।

मायावती की तारीफ क्यों?

पूर्व मंत्री ने मायावती की तारीफ करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में सभी वर्गों के लोगों को समान रूप से महत्व दिया गया था। उन्होंने कहा कि मायावती के समय में प्रशासनिक मशीनरी अधिक जवाबदेह थी और जनता की समस्याओं का समाधान तेजी से किया जाता था। उनके अनुसार, मायावती की सरकार ने गरीबों, दलितों, और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की थीं, जो मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नदारद हैं।

बीजेपी के लिए यह बयान क्यों महत्वपूर्ण है?

बीजेपी विधायक के पिता और पूर्व मंत्री द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलना पार्टी के लिए चिंताजनक है। इससे न केवल पार्टी के अंदरूनी मतभेद उजागर होते हैं, बल्कि यह भी दिखाता है कि कुछ नेताओं में मौजूदा नेतृत्व के प्रति असंतोष है। पार्टी की एकता और अनुशासन बनाए रखना बीजेपी के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहा है, और ऐसे बयान पार्टी की छवि को धूमिल कर सकते हैं।

स्थानीय और राज्य राजनीति पर प्रभाव

पूर्व मंत्री का यह बयान स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है। पीलीभीत में बीजेपी की पकड़ को कमजोर कर सकता है, जहां विधायक विवेक वर्मा की लोकप्रियता पहले से ही एक मजबूत आधार प्रदान करती है। इसके अलावा, इस बयान से विपक्षी दलों को सरकार की आलोचना करने का एक और मौका मिल गया है, जिसे वे आगामी चुनावों में भुनाने की कोशिश करेंगे।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

हालांकि, बीजेपी की तरफ से इस बयान पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि पार्टी इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी। इस तरह के बयानों से पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर असर पड़ सकता है और आगामी चुनावों में पार्टी की संभावनाओं पर भी प्रभाव डाल सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उम्मीद होगी कि इस तरह के मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाया जाए ताकि पार्टी की छवि को नुकसान न पहुंचे।

निष्कर्ष

बीजेपी विधायक विवेक वर्मा के पिता और पूर्व मंत्री द्वारा मायावती को बेहतर मुख्यमंत्री बताना और मौजूदा सरकार की आलोचना करना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है। यह न केवल बीजेपी के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनाने का संकेत भी हो सकता है। अब देखना होगा कि बीजेपी इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या यह घटना आगामी चुनावों में किसी बड़े राजनीतिक बदलाव का कारण बनती है।

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