समग्र समाचार सेवा
महाराष्ट्र, 01 सितम्बर. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग के मालवन में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को अचानक ढहने के बाद से राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस घटना के बाद विपक्ष, खासकर महा विकास अघाड़ी (MVA), राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है। उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की है।
विपक्ष के इस विरोध के जवाब में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि यह विरोध पूरी तरह से राजनीतिक है। फडणवीस ने विपक्ष पर छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान न करने का आरोप लगाया और कहा, “नेहरू और इंदिरा गांधी के लाल किले के भाषणों में शिवाजी महाराज का उल्लेख तक नहीं हुआ।”
इस घटना के विरोध में महा विकास अघाड़ी ने एक बड़ा विरोध मार्च निकाला है, जिसमें शरद पवार, उद्धव ठाकरे, नाना पाटोले जैसे बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। वे मालवण में प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि फडणवीस महाराष्ट्र की समस्याओं के पीछे मास्टरमाइंड हैं और उन्हें इस घटना पर माफी मांगनी पड़ी, लेकिन सिर्फ माफी से मामला नहीं सुलझेगा।
30 अगस्त को महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना पर माफी मांगी। उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए पूजनीय हैं, और मैं उनके सामने नतमस्तक होकर क्षमा मांगता हूं।”
प्रतिमा गिरने की घटना के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल आया हुआ है और सरकार व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।