समग्र समाचार सेवा
ढाका, 01 सितम्बर. शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। अब ताजा घटनाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षकों को जबरन इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 49 शिक्षकों से जबरन इस्तीफा लिया जा चुका है।
द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद ने जटिया प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह खुलासा किया। संगठन के समन्वयक साजिब सरकार ने कहा कि शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समुदाय हिंसा का शिकार हो रहे हैं।
साजिब सरकार ने बताया कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले हिंसात्मक हैं, जिनमें हिंदू महिलाओं पर अत्याचार, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी जैसी घटनाएं शामिल हैं। इन हिंसाओं के कारण 30 अगस्त तक 49 अल्पसंख्यक शिक्षकों को इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया है, हालांकि इनमें से 19 को बहाल कर दिया गया है।
बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत के अनुसार, 5 अगस्त से अब तक 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदू परिवारों पर हमले हुए हैं। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में हिंसा बढ़ गई है, जिसमें हिंदू परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने अपने शपथ ग्रहण के बाद हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि संविधान को बरकरार रखते हुए देश में शांति स्थापित की जाएगी, मगर इसका प्रभाव फिलहाल देखने को नहीं मिल रहा है।